Saturday, November 23, 2024

अति पिछड़ों और दलितों के हित में नीतिगत निर्णय लेने होंगे – कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार

सहारनपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार में दलितों की चमार खाप के इकलौते मंत्री अनिल कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश जिसमें 2014, 2017, 2019 और 2022 में भाजपा को ऊंचाइयों पर बैठाया उस राज्य में हालिया लोकसभा चुनाव में भाजपा को 33 सीटों पर सीमित कर बहुत कुछ सोचने को मजबूर कर दिया है। वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र सिंघल से खास बातचीत में काबिना मंत्री अनिल कुमार ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर 20 से

25 फीसद चमार समुदाय ने भाजपा को वोट किया था। कमोबेश यह सिलसिला

2024 के चुनाव को छोड़कर सभी चुनावों में बना रहा। हालिया लोकसभा चुनाव में अति पिछड़े वर्ग का एक बड़ा हिस्सा और अनुसूचित जातियों का रैदास संप्रदाय के चमारों का अच्छा खासा वोट इंडिया गठबंधन को मिला है। इन दोनों बड़े मतदाता वर्ग का इंडिया गठबंधन की ओर जाना भाजपा और एनडीए के लिए बेहद चिंता का सबब है। उनमें भरोसा पैदा करने के लिए भाजपा-एनडीए को नीतिगत निर्णय करने होंगे ताकि उनमें फिर से भरोसा पैदा हो सके। संविधान बदलने, आरक्षण समाप्त करने जैसे मुद्दों ने अति पिछड़ों और दलितों के बड़े हिस्से में भाजपा और एनडीए ने अविश्वास जताया और सपा नेता अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की बातों पर भरोसा किया। अनिल कुमार का गृह जनपद सहारनपुर और राजनैतिक मुजफ्फरनगर जनपद है।

 

 

अनिल कुमार बताते हैं कि दलितों में 70 फीसद जाटव और रैदास के मानने वाले चमार हैं। यह वर्ग हिंदू समाज में बराबरी का सम्मान चाहता है। 27 फीसद पिछड़ा वर्ग आरक्षण का बहुत कम लाभ अति पिछड़े समाज को हुआ है। इसी तरह सरकारी नौकरियों में  लगातार अवसर घट जाने से एससी वर्ग को भी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। निजी क्षेत्र फल-फूल रहा है। जहां आरक्षण की व्यवस्था नहीं है और सरकारी विभागों में भी जब से संविदा कर्मियों की भर्ती और आउट सोर्सिंग बढ़ी है तब से दलितों में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी की समस्या बनी है। वह उत्तर सरकार में काबिना मंत्री हैं। वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर सुझाव देंगे कि संविदा कर्मियों की भर्ती में आरक्षण लागू किया जाए।

 

 

उन्होंने कहा कि मायावती ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में यह व्यवस्था लागू की थी जिसे अखिलेश यादव ने समाप्त कर दिया था। इसे फिर से लागू किए जाने की जरूरत हैं। उन्होंने कहा कि एनडीए और भाजपा में चमार खाप को अवसर मिले तो यह समुदाय भाजपा और एनडीए के साथ मजबूती से जुड़ सकता है। अभी इस समुदाय का नेतृत्व सहारनपुर के युवा दलित नेता और नगीना से निर्दलीय चुने गए सांसद चंद्रशेखर के पास है। चंद्रशेखर सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे हैं जबकि वह अनिल कुमार उत्तर प्रदेश सरकार में काबिना मंत्री हैं। उनके पास विज्ञान और प्रोद्योगिकी जैसा मंत्रालय है जिसका आम जनता अथवा दलितों और गरीबों के हितों से कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 10

विधानसभा सीटों के उपचुनाव होने वाले हैं। उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल्द होने वाले विधानसभा चुनावों का प्रभारी बनाया है। सोमेंद्र तोमर और केपी मलिक दो राज्यमंत्री भी उनके साथ हैं। मुख्यमंत्री की मंशा सभी दस सीटों पर चुनाव जीतने की है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार और एनडीए को तत्काल ऐसे निर्णय लेने होंगे जिससे उत्तर प्रदेश का राजनीतिक माहौल बदले और जो गलतियां, खामियां लोकसभा चुनावों में सामने आई हैं उसे दूर किया जाए। उन्होंने भरोसे के साथ कहा कि यदि लोकसभा चुनावों में छिटका मतदाता समूह वापसी कर सकता है जरूरत कारगर कदम उठाने की है।

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