मेरठ। पांच साल पहले डिलीवरी के ऑपरेशन के दौरान पेट में रुई का बंडल छोड़ने के मामले में पीड़ित महिला द्वारा रुई का बंडल छोड़ने वाली महिला डॉक्टर के खिलाफ शहर के थाना टीपी नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की है। थाना टीपी नगर प्रभारी सुबोध कुमार सक्सेना ने बताया कि रासना गांव की पीड़िता रजनी शर्मा की शिकायत व कोर्ट के आदेश पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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पुलिस के अनुसार कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में रजनी शर्मा ने बताया कि 30 जून 2018 को उन्होंने सिरोही नर्सिंग होम में बेटी को जन्म दिया था। डिलीवरी ऑपरेशन से डॉ. शिखा जैन ने कराई थी। डिलीवरी के बाद लगातार उनके पेट में दर्द रहने लगा। वह कई बार डॉ. शिखा जैन के पास गई। उन्होंने रजनी शर्मा का कई बार चेकअप किया और पेट में अल्सर होने की बात कहते हुए दवा दे दी। इससे आराम नहीं मिला और हालत लगातार बिगड़ती चली गई। डॉ. शिखा जैन ने उन्हें ऑपरेशन कराने की सलाह दी। इसमें करीब 4-5 लाख रुपये का खर्चा बताया।
पीड़िता ने बाद में मेडिकल कॉलेज में अपना उपचार कराया। यहां दो ऑपरेशन हुए। जबकि डॉ. शिखा जैन ने कई बार उनके अल्ट्रासाउंड कराए और दवा देती रही। इसकी शिकायत उन्होंने कई अधिकारियों समेत सीएमओ से भी की। आरोप है कि जांच में सामने आया कि डॉ. शिखा जैन की लापरवाही से ऑपरेशन के दौरान उनके पेट में रुई रह गई थी। उधर आरोपी महिला डॉक्टर शिखा जैन ने महिला द्वारा लगाए गए तमाम आरोपों को सिरे से ना करते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं है।
यह तो केवल डॉक्टर से पैसा लेने का एक तरीका है कि डॉक्टर से कैसे पैसा लिया जाए। यह पूछे जाने पर कि महिला द्वारा आपसे कितने रुपए की डिमांड की गई है। डॉ. जैन ने बताया इस बारे में महिला की जो भी बात हुई होगी वह मेरे पति से बात हुई होगी मुझे इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है।