Thursday, January 9, 2025

गाजियाबाद में पुलिस हिरासत में मौत के मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

गाजियाबाद,। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के विजय नगर थाने में सोमवार को पुलिस हिरासत में युवक की मौत के मामले में सिपाही नीरज राठी व विजय नगर थाने के  अन्य कई अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। हत्या का मुकदमा मृतक दिलशाद के भाई नौशाद की ओर से दर्ज कराया गया है। इसके साथ ही इस मामले की विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार को मकनपुर निवासी दिलशाद (23) की विजय नगर पुलिस की हिरासत में संदिग्धावस्था में मौत हो गई थी। हालांकि पुलिस एसीपी ने बयान दर्ज करके कहा था कि यह मामला पुलिस हिरासत में मौत का नहीं, बल्कि रोड एक्सीडेंट का था। पुलिस दिलशाद को शिकायत के किसी मामले में पूछताछ के लिए निजी गाड़ी से ले जा रही थी, तभी एक प्राइवेट वाहन ने उसमें टक्कर मार दी, जिससे दिलशाद को गंभीर चोट आई और उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी मौत हो गई।

जबकि परिजनों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने दिलशाद को बुरी तरह पीटा था, जिस कारण उसकी मौत हुई। परिजनों ने इसको पुलिस हिरासत में हत्या करार दिया था। साथ ही परिजनों ने विजयनगर थाने व पोस्टमार्टम हाउस पर भी हंगामा

किया था। इसके बाद मंगलवार को इस मामले में मृतक दिलशाद के भाई नौशाद की तरफ से अभय खंड तीन पुलिस चौकी पर तैनात सिपाही नीरज राठी व विजयनगर थाने में तैनात कुछ अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

दिलशाद के भाई नौशाद की ओर से दर्ज इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सोमवार दोपहर करीब दो बजे सिपाही नीरज राठी का फोन उसके उसके पास आया था और उसने कहा था कि वर्दी लेकर अभय खंड 3 पुलिस चौकी पर आ जाओ। जब नौशाद वहां पहुंचा तो देखा कि अंदर से मारपीट करने की आवाज आ रही थी। जब नौशाद ने इस बारे में पूछा तो पुलिसकर्मियों ने कहा कि आज तेरे भाई को जान से मार देंगे। नौशाद ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इसके बाद वह घर गया, अपने पिता इकबाल परिवार के अन्य लोगों के लेकर अभ्यखंड पुलिस चौकी पर पहुंचा तो वहां बताया गया कि दिलशाद को विजय नगर पुलिस निजी गाड़ी से अपने साथ ले गई है। जब यह लोग विजयनगर थाने पहुंचे तो वहां पता चला कि दिलशाद की मौत हो चुकी है। उसने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों ने दिलशाद की पीट-पीटकर हत्या की है। नौशाद की ओर से आईपीसी की धारा 302 मुकदमा दर्ज किया गया है।

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