मेरठ। मेरठ में नवजात की मौत के मामले में मेडिकल पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया है। यह मुकदमा परिजनों से मारपीट और मुकदमा वापसी के लिए धमकी देने में दर्ज किया गया है। इसके साथ ही आरोपियों ने दो लाख रुपये में नवजात की मौत का सौदा करने का प्रयास भी किया लेकिन परिजनों ने साफ इंकार कर दिया और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की।
मेडिकल की इमरजेंसी से गुमराह कर बुलंदशहर के कमालपुर निवासी जितेंद्र के नवजात पुत्र को पीवीएस रोड पर स्थित अस्पताल में भर्ती कराने और उसकी मौत के बाद हुए हंगामे के बाद इस मामले में देवेंद्र कुमार और मारूफ को जमानत मिल गई थी। हालांकि अभी तक विक्की राणा और छोटू को पुलिस पकड़ नहीं सकी।
जितेंद्र कुमार ने बताया कि मेरठ से अपने गांव कमालपुर जा रहा था। तेजगढ़ी पुलिस चौकी के समीप चारों आरोपियों ने उसे मुकदमे में समझौते के लिए दो लाख रुपए का प्रस्ताव दिया। जितेंद्र के मना करने पर उसे जान से मारने की धमकी देकर मुकदमे में समझौता करने के लिए कहा गया। तब भी जितेंद्र नहीं माना तो उसके साथ मारपीट की गई।
जितेंद्र की तरफ से मेडिकल थाने में चारों आरोपियों के खिलाफ मारपीट और जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज किया गया। मेडिकल एसओ योगेंद्र कुमार का कहना है कि आरोपी पक्ष की धरपकड़ को पुलिस दबिश डाल रही है। आरोपी लगातार जान पहचान वालों से पीड़ित पक्ष पर उसके घर पहुंचकर समझौते का दबाव बना रहे हैं लेकिन पुलिस पीड़ित पक्ष का समझौता स्वीकार नहीं करेंगी।
मृत नवजात के पिता जितेंद्र और रिश्तेदार हृदेश बताया कि बच्चे की मौत के जिम्मेदार दलाल और दो अस्पताल है। सनफोर्ड अस्पताल ने बच्चे को मरने पर मजबूर किया और वेदांत अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। एसओ ने बताया कि दूसरे मुकदमे में आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी शिकंजा कसा जाएगा।