नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने 2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को सोमवार को भंग कर दिया।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह सूचित किए जाने के बाद एसआईटी भंग करने का आदेश पारित किया कि इस मामले में जांच पूरी हो गई है और मुकदमा चल रहा है। शीर्ष अदालत की एक पीठ ने एसआईटी का गठन किया था।
शीर्ष अदालत ने कहा कि हम इस बात से संतुष्ट हैं कि इस स्तर पर एसआईटी के सदस्यों और न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन (जांच की निगरानी के लिए नियुक्त) को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जा सकता है, क्योंकि मामले की जांच पूरी हो चुकी है।
शीर्ष अदालत ने 2021 की लखमीपुर खीरी हिंसा के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
इस घटना में आठ लोगों की मृत्यु हो गई थी, जिनमें से चार किसान थे। आरोप है कि कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री राज्य और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद (सांसद) अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहनों के काफिले ने किसानों को कुचल दिया गया था।
तीन अक्टूबर 2021 को केंद्र के कृषि कानूनों ( जिसे बाद में वापस ले लिया गया) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान लखीमपुर खीरी जिले में हिंसा भड़कने के बाद चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। किसान संगठनों ने आरोप लगाया था कि आशीष मिश्रा का एक वाहन प्रदर्शनकारियों के एक समूह को कुचल गया था।
आरोपी मिश्रा को इस मामले में पहली बार नौ अक्टूबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उसे 15 फरवरी 2022 को जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने आरोपी मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ आरोप तय किये थे। उस पर (मिश्रा) हत्या, हत्या का प्रयास, दंगा और आपराधिक साजिश सहित कई अपराधों का आरोप लगाया गया है।