शामली। जनपद के दिल्ली सहारनपुर रेलवे ट्रैक पर टेलर मास्टर का शव बरामद हुआ है। पुलिस ने आनंन फ़ानन में बिना पहचान कराए ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जहां स्थानीय लोगों की सूचना पर मृतक के परिजन मौके पर पहुंचे। वहीं पीड़ितों की तहरीर के बिना ही पुलिस आगे की कानूनी कार्रवाई में जुटी और पीड़ितों ने पुलिस की कार्रवाई से नाराज होकर अपनी सामाजिक चौपाल पर धरना प्रदर्शन शुरू किया। समाज के लोगों ने कस्बे की दुकान बंद कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
आपको बता दें कि मामला जनपद के थाना भवन थाना क्षेत्र के कस्बा थाना भवन का है। जहां का रहने वाला मोहित नाम का युवक रोजाना शामली जाकर टेलर मास्टर की दुकान पर कपड़े सीलने का कार्य करता था। जिसका शव सोमवार कों थाना भवन थाना क्षेत्र के दिल्ली सहारनपुर रेलवे ट्रैक पर मिला है। स्थानीय लोगों की सूचना पर तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची और पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और बिना पहचान कराए ही उस को सीधा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतक मोहित के शव की सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और फिर थाने पहुंचकर हंगामा प्रदर्शन करने लगे।परिजनों ने जहां मृतक मोहित की मौत के मामले में हत्या का आरोप लगाते हुए थाने में तहरीर देने का प्रयास किया। वहीं पुलिस में पोस्टमार्टम होने के बाद तहरीर लेने की बात कहते हुए उन्हें वहां से चलता कर दिया, नाराज परिजनों ने अपनी सामाजिक चौपाल पर जाकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया और समाज के लोगों से विरोध प्रदर्शन करते हुए कस्बे में दुकान बंद कर दी।
पुलिस के खिलाफ विरोध को देखकर थाना भवन थाना पुलिस बड़ी संख्या में मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाने बुझाने में लग गई। वही इस मामले में मृतक मोहित के जानकार व क्षेत्रीय सभासद का कहना है कि आज सुबह जब मुझे दूसरे सभासद का फोन आया और उसने मुझे एक युवक का फोटो भेजा, जिसकी पहचान मोहित के रूप में हुई। उन्होंने बताया कि इसका शव रेलवे ट्रैक पर मिला है।
हम लोग वहां पहुंचे तो पुलिस व स्थानीय लोगों ने बताया कि युवक का शव ओर फोन पुलिस ले गई और हम लोग जब मौके पर पहुंचे तो थाना भवन पुलिस ने हम लोगों को पहले पोस्टमार्टम कराने और पंचनामा भरने की हिदायत दी बाद में तहरीर लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। जिसके चलते हम लोगों को शक हुआ। पुलिस इस मामले को हादसा दिखाने में लगी है।जबकि उसकी हत्या कर शव को वहां पर फेंका गया है। वहीं दूसरी ओर पुलिस अभी पीड़ितों को समझाने बुझाने में लगी है।