Monday, December 23, 2024

थाने पर हमला करने के आरोप में तीन लेफ्टिनेंट कर्नलों सहित सेना के 16 जवानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

श्रीनगर- जम्मू-कश्मीर में सीमावर्ती कुपवाड़ा जिले के एक थाने में हमले में शामिल तीन लेफ्टिनेंट कर्नल सहित 16 सैन्यकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

सैन्यकर्मियों पर मंगलवार की एक पुलिसकर्मी का अपहरण करने और अन्य पुलिसकर्मियों को लात ,डंडे तथा राइफल बट से पीटने और घायल करने का आरोप लगाया गया है। सेना के जवानों पर हत्या के प्रयास, दंगा, अपहरण और डकैती समेत भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सेना के जवान कथित तौर पर मंगलवार को रात 11.40 बजे के आसपास थाने में “अनधिकृत रूप से” घुसे और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। हमले में पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

प्राथमिकी में नामजद अधिकारियों में ‘160 प्रादेशिक सेना’ के लेफ्टिनेंट कर्नल अंकित सूद, राजू चौहान और निखिल शामिल हैं। पुलिस की ओर से दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि तीन अधिकारियों के नेतृत्व में ‘160 प्रादेशिक सेना’ के बड़ी संख्या में सशस्त्र और वर्दीधारी जवान अनाधिकृत रूप से कुपवाड़ा थाना में धुसे।

प्राथमिकी में लिखा है, “उन्होंने सामूहिक रूप से और बिना किसी उकसावे के गैरकानूनी रूप से एकत्र होकर पुलिस स्टेशन में मौजूद कर्मचारियों और अधिकारियों पर राइफल बट, लात और डंडों से गंभीर हमला किया।”

प्राथमिकी के अनुसार इस घटना की सूचना तुरंत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी गई, जो उन्हें बचाने के लिए थाने स्टेशन पहुंचे। पुलिस इकाइयों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के आगमन को देखकर लेफ्टिनेंट कर्नल अंकित सूद, राजू चौहान और निखिल के नेतृत्व में ‘160 प्रादेशिक सेना’ के कथित कर्मियों और अधिकारियों ने हथियार लहराए और घायल कर्मियों थाना कुपवाड़ा के थानाधिकारी निरीक्षक मोहम्मद इशाक के मोबाइल फोन छीन लिए और भागते समय उन्होंने एमएचसी गुलाम रसूल को अपने साथ लेते गए। ‘

सेना के जवानों के खिलाफ आईपीसी की धारा 186 (सरकारी कर्मचारी के सार्वजनिक कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालना), 332 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य से विरत करने के लिए जानबूझकर नुकसान पहुंचाना), 307 (हत्या का प्रयास), 342 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से बंधक बनाना), 147 (दंगा करना), 149 (समान उद्देश्य के लिए अपराध करने का दोषी गैरकानूनी समूह का हर सदस्य), 392 (डकैती), 397 (डकैती या डकैती के दौरान घातक हथियारों का इस्तेमाल) और 365 (गुप्त रूप से या गलत तरीके से बंधक बनाने के इरादे से अपहरण करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सेना के जवानों पर शस्त्र अधिनियम की धारा 7/25 के तहत भी मामला दर्ज किया है। पुलिस ने पुलिस उपाधीक्षक सईद पीरजादा मुजाहिदुल हक के नेतृत्व में इस मामले जांच शुरू कर दी है।

सेना का यह हमला पुलिस द्वारा किसी जांच में वांछित स्थानीय टीए जवान के आवास पर छापेमारी के बाद हुई है।श्रीनगर स्थित रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बुधवार को को इस घटना को अधिक तवज्जो नहीं दी और कहा कि “पुलिस और सेना के जवानों के बीच विवाद और पुलिस कर्मियों ”की पिटाई की खबरें गलत हैं।”उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों और एक क्षेत्रीय सेना इकाई के बीच मामूली मतभेदों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है।

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