Tuesday, January 14, 2025

कैट को महाकुंभ 2025 से 2 लाख करोड़ से ज्‍यादा के व्यापार की उम्‍मीद

नई दिल्ली। विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन ‘महाकुंभ 2025’ प्रयागराज में सोमवार को शुरू हो गया है, जो फरवरी तक चलेगा। इस दौरान 2 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का कारोबार होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार विश्व के सबसे बड़ा मानव समागम में करीब 40 करोड़ लोगों के आने की संभावना है।

कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि एक अनुमान के तहत इस महाकुंभ में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की उम्मीद है। यह आयोजन भारत और विश्व में धार्मिक अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। इससे प्रयागराज और आसपास के शहरों में व्यापार को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ ही रेलवे, वायु सेवाओं और सड़क परिवहन को भी बड़ी आय होने की संभावना है।

उन्होंने बताया कि चूंकि दिल्ली देश का सबसे बड़ा व्यापारिक वितरण केंद्र है, इस दृष्टि से दिल्ली से प्रयागराज और आसपास के शहरों में लगभग 40,000 करोड़ रुपये मूल्य के सामान और सेवाओं की आपूर्ति होगी। खंडेलवाल ने कहा कि महाकुंभ में बड़ी मात्रा में आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियां होंगी। एक अनुमान के अनुसार अगर धार्मिक यात्रा के दौरान प्रति व्यक्ति 5,000 रुपया होता है, तो कुल आंकड़ा 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा। इसमें होटलों, धर्मशालाओं, अस्थायी ठहराव, भोजन, पूजा सामग्री, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य वस्तुओं तथा सेवाओं पर बड़े पैमाने पर खर्च शामिल है।

महाकुंभ 2025 के प्रमुख व्यापारिक आंकड़े

आवास और पर्यटन:-
स्थानीय होटलों, धर्मशालाओं और अस्थायी ठहराव की व्यवस्था से 40,000 करोड़ रुपये के व्यापार की संभावना है।

भोजन और पेय पदार्थ:
पैक खाद्य सामग्री, पानी, बिस्किट, जूस, और भोजन पर 20,000 करोड़ रुपये तक का व्यापार होगा।

पूजा सामग्री और प्रसाद:-
तेल, दीपक, गंगाजल, मूर्तियां, अगरबत्ती, धार्मिक पुस्तकों आदि की बिक्री से 20,000 करोड़ रुपये का व्यापार होने की उम्मीद है।

परिवहन और लॉजिस्टिक्स:-
स्थानीय और अंतरराज्यीय परिवहन, माल ढुलाई और टैक्सी सेवाओं से 10,000 करोड़ रुपये का व्यापार होगा।

पर्यटन सेवाएं:-
टूर गाइड, ट्रैवल पैकेज और पर्यटक सेवाओं से 10,000 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यापार

हस्तशिल्प और स्मृति चिन्ह:-
स्थानीय उत्पादों, कपड़ों, गहनों और स्मृति चिन्हों से 5,000 करोड़ रुपये की आय होने की संभावना।

स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं:-
अस्थायी मेडिकल कैंप, आयुर्वेदिक उत्पाद और दवाइयों से 3,000 करोड़ रुपये का व्यापार

आईटी और डिजिटल सेवाएं:-
डिजिटल भुगतान, वाई-फाई सेवाएं और ई-टिकटिंग से 1,000 करोड़ रुपये का व्यापार।

मनोरंजन और मीडिया:-
विज्ञापन और प्रचार गतिविधियों से 10,000 करोड़ रुपये का व्यापार।

सांसद खंडेलवाल के मुताबिक, महाकुंभ से उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। महाकुंभ जैसे आयोजन स्थानीय व्यापार, रोजगार और पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं। यह न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के आर्थिक विकास में योगदान देगा। महाकुंभ 2025 न केवल आस्था और अध्यात्म का केंद्र है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक शक्ति का प्रतीक भी है। यह आयोजन भारत की धार्मिक अर्थव्यवस्था को विश्व स्तर पर प्रदर्शित करेगा और उत्तर प्रदेश को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बनाएगा।

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