गाजियाबाद| नोएडा में 10 हजार रुपए के बकाया घूस के चक्कर में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) की कार्यालय अधीक्षक ममता राणा और इंस्पेक्टर प्रशांत जैन पकड़े गए। फर्म संचालक ने बतौर घूस उन्हें 4 लाख 90 हजार रुपए दे दिए थे, लेकिन वे 5 लाख से कम पर सहमत नहीं हुए। परेशान फर्म संचालक ने सीबीआई में शिकायत की और ट्रैप बिछाकर दोनों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया।
नोएडा में एडवर्ट प्राइवेट कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर दीपक साहू ने बताया कि वह सीजीएसटी क्लियर कराने के लिए नोएडा स्थित ऑफिस पर गए। यहां उनसे पांच लाख रुपए घूस मांगी गई। उन्होंने 4 लाख 90 हजार रुपए दे दिए। इतने पर भी ऑफिस अधीक्षक ममता राणा और इंस्पेक्टर (एंटी इवेशन ब्रांच) प्रशांत जैन सहमत नहीं हुए। उन्होंने साफ कह दिया कि पांच लाख से एक रुपया कम हुआ तो काम नहीं होगा।
दीपक साहू को ये बात एकदम बुरी लगी। उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एंटी करप्शन ब्यूरो में इसकी शिकायत दर्ज कराई और पूरा प्रकरण बताया। सीबीआई के बताए प्लान के अनुसार, दीपक साहू शेष बची 10 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेकर सोमवार को नोएडा में सीजीएसटी ऑफिस पर पहुंचे थे। यहां पर ऑफिस अधीक्षक ममता राणा को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते सीबीआई ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में ममता राणा ने शेष रकम इंस्पेक्टर प्रशांत जैन के पास होने की बात कही जिसके बाद प्रशांत जैन की गिरफ्तारी भी हुई।
सीबीआई ने दोनों आरोपियों को गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट में पेश किया। न्यायाधीश आलोक कुमार पांडे की अदालत ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। मामले की अगली सुनवाई अब 3 जुलाई को होगी।