नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को चार्जशीट में नाम नहीं होने के बावजूद दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, सीबीआई ने कहा कि वह इस मामले में पूरक आरोपपत्र दाखिल करने की प्रक्रिया में है।
सरकार के अनुसार, 7 दिसंबर, 2022 तक, सीबीआई ने 2017-22 के दौरान सांसदों/विधायकों के खिलाफ कुल 56 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से 22 मामलों में जांच एजेंसी ने चार्जशीट दाखिल की है।
कार्मिक मंत्रालय ने 7 दिसंबर, 2022 को संसद में एक लिखित जवाब में कहा कि सीबीआई द्वारा दर्ज 56 मामलों में से 22 मामलों में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
मामलों के राज्यवार आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे अधिक 10 मामले आंध्र प्रदेश में हैं जबकि उत्तर प्रदेश और केरल में छह-छह मामले हैं।
इसी तरह, पश्चिम बंगाल और अरुणाचल प्रदेश में पांच मामले हैं, जिनमें से प्रत्येक को सीबीआई ने विधायकों या सांसदों के खिलाफ दर्ज किया है।
जवाब के अनुसार, इस अवधि के दौरान दोषसिद्धि की दर 66.90 प्रतिशत से 69.83 प्रतिशत के बीच रही।
2017 में यह 66.9 प्रतिशत थी, जबकि 2018 में यह बढ़कर 68 प्रतिशत, 2019 में 69.19 प्रतिशत और 2020 में 69.83 प्रतिशत हो गई। हालांकि, वर्ष 2021 के दौरान सजा दर घटकर 67.56 प्रतिशत हो गई।
सिसोदिया को रविवार को सीबीआई ने शराब घोटाले के सिलसिले में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था।