नयी दिल्ली-केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार पर कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले की जांच राज्य लोकायुक्त को सौंपने के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच राज्य लोकायुक्त को सौंपने का फैसला किया था।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने श्री शिवकुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए सहमति वापस लेने के कांग्रेस सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को 29 अगस्त को खारिज कर दिया था।
उच्च न्यायालय ने याचिकाओं को ‘गैर-स्थायी’ करार दिया था। उच्च न्यायालय ने श्री शिवकुमार की कथित अवैध संपत्तियों की जांच के लिए सहमति वापस लेने के राज्य के 28 नवंबर, 2023 के फैसले को देने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया।
सीबीआई ने 25 सितंबर, 2019 को पिछली भाजपा सरकार की सहमति से तीन अक्टूबर, 2020 को श्री शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया।
सीबीआई का आरोप है कि श्री शिवकुमार ने पिछली कांग्रेस सरकार में ऊर्जा मंत्री रहते हुए अप्रैल 2013 से अप्रैल 2018 तक आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 74.93 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की।
कर्नाटक के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने उच्च न्यायालय के फैसले को पहले ही शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।