Thursday, January 23, 2025

दीपावली 31अक्टूबर को ही मनाना श्रेष्ठ, मुजफ्फरनगर के ब्राह्मण विद्वानों ने दिया अपना मत !

मुजफ्फरनगर। दीपावली के पर्व के समय शुभ मुहूर्त को लेकर विभिन्न मत और मतभेद के चलते जिले में अर्चक पुरोहित संघ की बैठक शनिवार को शिव मंदिर केशवपुरी में आयोजित की गई।

इस बैठक में देश के विद्वानों के निर्णय को सही मानते हुए कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। बैठक में मंथन किया गया कि देश के विद्वानों का निर्णय सही है।

अर्चक पुरोहित संघ के जिला अध्यक्ष पंडित बृज बिहारी अत्री ने मीडिया सेंटर में इस बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि दीपावली के पर्व के समय शुभ मुहूर्त को लेकर विभिन्न मत और मतभेद सामने आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश के विद्वानों का निर्णय सही है। 31 अक्टूबर 2024 को (ग्ररूवार को प्रदोष काल में मध्य रात्रि व्यापिनी का कार्तिक अमावस्या लक्ष्मी पूजन करना शास्त्र सम्मत रहेगा।

उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त श्रेष्ठकर नहीं है, क्योंकि अमावस्या 31 को संध्या 15:52 से प्रारम्भ होकर 1 ता० को 18:16 तक है, विशेष वृष लगन सिंह लग्न में पूजन का महत्व है। यंत्र पूजन भी रात्रि सिंह लगन में ही विशेष होते है। जिसमें वृष लगन वृष 18:26 से प्रा० 20:23 तक है।

उन्होंने बताया कि उपरोक्त तथ्यों के अनुसार 01 नवम्बर को उक्त दोनो लग्न उपस्थित नहीं है।

पंडित बृज बिहारी ने बताया कि दोनो लगन हमें 31 में ही अमावस्या में प्राप्त है और दीपोत्सव निशा काल में ही होता है।

उन्होंने बताया कि परम्परा में जिस दिन होई होती है, दीपावली भी उसी दिन मनाई जाती है।

पंडित अत्री के अनुसार अगले दिन तिथि में प्रतिपदा होने से रसस्वला दोष लगता है अतः निषेध है।

इसलिए लक्ष्मी पूजन अमावस्या में श्रेष्ठ है विद्वानों में अनुसार 31 में ही होना चाहिए।

श्री अत्री के अनुसार प्रतिपदा में पूजा से धन धान्य की हानि होती है। धर्म नगरी वाराणसी, उज्जैन, मथुरा वृन्दावन, प्रयागराज आदि में भी घोषणा 31 अक्टूबर के लिए ही की गई है। अतः अर्द्धन पुरोहित संघ ने 31 अक्टूबर गुरुवार को ही दीपावली मनाने का निवेदन किया है।

उन्होंने बताया कि श्री बद्रीनाथ जी, श्री काशी जी, श्री अयोध्या नगरी, श्री चित्रकूट, श्री वृन्दावन, श्री खाटूश्याम, श्री कांची पीठ, चारो पीठ श्री रांगम, श्री कृष्ण मन्दिर उदूपी, श्री गंगनाथ मन्दिर मैसूर, श्री संगेरी मठ, श्री रामेश्वरम, श्री नाथद्वारा, श्री सोमनाथ गुजरात, श्री पीताम्बरा जी और श्री द्वरिका जी के विद्वान पुरोहितो का भी मत है और वहां भी 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जा रही है।

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