नई दिल्ली। दिल्ली सरकार की वित्त मंत्री आतिशी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पिछले 10 सालों से हर बजट में दिल्लीवालों को धोखा दिया गया है। दिल्लीवालों के साथ भाजपा की केंद्र सरकार ने सौतेला व्यवहार किया है। पिछले 10 सालों में दिल्ली के लोगों ने केंद्र सरकार को 15,59,933 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया। इसके बदले दिल्ली को मात्र 7,534 करोड़ रुपये ही मिले।
आतिशी ने केंद्र की भाजपा सरकार से सवाल करते हुए कहा कि महाराष्ट्र को 5 लाख करोड़ इनकम टैक्स के बदले 50,000 करोड़, कर्नाटक को 2 लाख करोड़ इनकम टैक्स पर 30,000 करोड़ रुपये का आवंटन होता है। लेकिन, जब दिल्ली के लोग 2 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स देते हैं तो उन्हें सब मिलाकर सिर्फ 1,061 करोड़ ही क्यों मिलता है? क्या दिल्लीवालों को अपने शहर की तरक्की के लिए उनकी मेहनत की कमाई के इनकम टैक्स का हिस्सा नहीं मिलना चाहिए? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 10 सालों में दिल्लीवालों से 15 लाख करोड़ रुपये टैक्स लिया, लेकिन बदले में सिर्फ 7,500 करोड़ रुपये दिए। यह अंग्रेजों के समय जैसा अत्याचार है। अगर केंद्र सरकार देश के बाकी राज्यों को पैसा दे सकती है तो दिल्लीवालों को भी उनके हक का पैसा मिलना चाहिए, ये दिल्लीवालों की मांग है।
दिल्ली के लोगों ने 2023-24 में सिर्फ इनकम टैक्स के रूप में ही केंद्र सरकार को 2.07 लाख करोड़ रुपये दिए। इसके बदले दिल्लीवालों की मांग थी कि उनके इनकम टैक्स का 5 प्रतिशत हिस्सा 10,000 करोड़ रुपये दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए दिल्ली सरकार को टैक्स शेयर के रूप में मिलना चाहिए। इसके बदले दिल्ली वालों को सिर्फ निराशा मिली और टैक्स शेयर के रूप में एक पैसा नहीं मिला। उन्होंने कहा कि 2023-24 में दिल्लीवालों ने केंद्र सरकार को 2.07 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया। इसके बदले डिमांड 57 के सभी 7 मदों को मिलाकर केंद्र सरकार ने दिल्ली को मात्र 1,168 करोड़ रुपये का आवंटन दिया और इसमें टैक्स शेयर के रूप में एक पैसा नहीं मिला।
ये दिल्लीवालों द्वारा दिए टैक्स का 0.4 प्रतिशत भी नहीं है। 2022-23 में भी दिल्लीवालों ने केंद्र सरकार को 2,12,101 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया। 2023-24 के बजट में दिल्लीवालों को 1,168 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ। लेकिन, इस आवंटन में दिल्लीवालों को एक पैसा नहीं मिला। आतिशी ने बताया कि 2021-22 में दिल्लीवालों ने केंद्र सरकार को 1,77,824 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया। इसके बदले दिल्लीवालों को मात्र 960 करोड़ रुपये, उनके दिए इनकम टैक्स का 0.3 प्रतिशत मिला। 2020-21 में दिल्लीवालों ने 1,20,120 करोड़ रुपये इनकम टैक्स दिया, इसके बदले दिल्लीवालों को 1,029 करोड़ रुपये का आवंटन मिला।
2019-20 में कोरोना काल में जब पूरे देश में त्राहि-त्राहि मची थी, तब दिल्लीवालों ने मुश्किल समय में 1,49,613 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया। लेकिन, मात्र 1,112 करोड़ रुपये मिले। आतिशी ने कहा कि इसके पिछले 6 सालों के 2013 से 2019 तक के आंकड़े देखें तो दिल्लीवालों ने इन 6 सालों में कुल 6,93,275 करोड़ रुपये इनकम टैक्स के रूप में दिया और दिल्लीवालों को इसमें से मात्र 4,433 करोड़ रुपये मिले। पिछले 10 सालों में जबसे केंद्र में भाजपा की सरकार आई है तब से दिल्लीवालों ने भाजपा शासित केंद्र सरकार को 15,59,933 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया और इसके बदले दिल्लीवालों को मात्र 7,534 करोड़ रुपये मिले। जो इनकम टैक्स दिल्लीवालों ने भाजपा शासित केंद्र सरकार को दिया, उसका मात्र 0.48 प्रतिशत ही दिल्लीवालों को पिछले 10 सालों में मिला।