ग्वालियर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार को खटीक समाज के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्हें एक बकरा भेंट किया गया। अचानक मंच पर बकरा देखकर सिंधिया हैरान रह गए। हालांकि, उन्होंने बकरे को हाथ लगाकर वापस सौंप दिया।
केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने खटीक समाज के कार्यक्रम में समाज के प्रतिभावान बच्चों और समाजसेवियों को सम्मानित किया। इसी दौरान उन्हें समाज के लोगों ने बकरा गिफ्ट किया था। उन्होंने बकरे को हाथ लगाकर वापस कर दिया।
मुहर्रम पर सिंधिया ने निभाई खानदानी परंपरा
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को शहर के गोरखी के इमाम बाड़े में रखे गए सिंधिया राजवंश के ताजिए पर हाजिरी देकर सेहराबंदी की रस्म अदा की। इस दौरान शहरकाजी ने फातहा पढ़ा और मुल्क में अमन और सांप्रादियक सद्भाव के लिए दुआ मांगी।
दरअसल, मुहर्रम पर सालों से राजवंश के शाही ताजिए की जियारत की परंपरा चली आ रही है। हर साल गोरखी पैलेस में शाही इमामबाड़ा बनाया जाता है। यहां सिंधिया राजवंश का ताजिया रखा जाता है और तय तारीख पर राजवंश का मुखिया सेहराबंदी करता है। इसके बाद मोहर्रम पर इसे विसर्जित किए जाने के दौरान भी शाही प्रतिनिधि मौजूद रहता है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी इसी खानदानी परंपरा को निभाया है।
प्रजापति समाज के कार्यक्रम में भी की शिरकत
सिंधिया ने शनिवार को प्रजापति समाज के सामाजिक समरसता सम्मेलन में भी शिरकत की। उन्होंने इस मौके पर कहा कि प्रजापति समाज भारत में आदिकाल से ईश्वरीय रूप कृतियों का निर्माण करता आ रहा है। समाज का सृष्टि के निर्माण में भी योगदान है। प्रजापति हनुमान मंदिर कुम्हारपुरा मुरार में आयोजित इस सम्मेलन में सिंधिया ने समाज के लोगों से कहा कि उन्हें समाज के इतिहास का गौरव गान करना चाहिए। उन्होंने समाज के बुजुर्गों से कहा कि वे युवाओं को अपने इतिहास से अवगत कराएं।