Monday, January 20, 2025

शामली में जीएसटी कर अधिकारियों के उत्पीड़न से व्यापारियों में त्राहिमाम,व्यापारियों ने जीएसटी ऑफिस के सामने लगाएं मुर्दाबाद के नारे

शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में जीएसटी विभाग के कार्यालय पर पहुंचे।जहा व्यापारियों ने कार्यालय के सामने जीएसटी कर अधिकारियों पर व्यापारियों का आर्थिक उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा प्रदर्शन किया। जहां व्यापारियों ने जीएसटी कर अधिकारियों के मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। जिसके उपरांत व्यापारियों ने व्यापार कर आयुक्त लखनऊ के नाम संबोधित 14 सूत्री है मांगो का ज्ञापन शामली के जीएसटी विभाग के उपायुक्त कों सौपा। व्यापारियों ने उक्त मांगों के जल्द पूर्ण होने पर प्रदेश व्यापी आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है। व्यापारियों का आरोप है कि जीएसटी कर अधिकारियों द्वारा गलत नोटिस देकर व्यापारियों का आर्थिक उत्पीड़न किया जा रहा है ।

 

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पूरा मामला पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के कई पदाधिकारी शहर के झिंझाना रोड स्थित जीएसटी विभाग के कार्यालय पर पहुंचे। जहाँ कार्यालय के सामने खड़े होकर जमकर हंगामा प्रदर्शन करते हुए जीएसटी विभाग के अधिकारियों के मुर्दाबाद के नारे लगाए और व्यापार कर आयुक्त लखनऊ डॉ नितिन बंसल के नाम संबोधित एक ज्ञापन शामली जीएसटी के उपायुक्त डॉ. लोंमेश कों सौंपा। व्यापारियों का आरोप है कि शामली में जीएसटी कर अधिकारी खुलेआम व्यापारियों का आर्थिक उत्पीड़न कर रहे हैं। जिससे व्यापारियों का शोषण हो रहा है।

 

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व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी कर प्रणाली की जटिलताओं से प्रदेश का व्यापारी बेहद दुखी है। इसलिए जीएसटी का सरलीकरण होना चाहिए और जिला स्तरीय सरलीकरण कमेटी में व्यापारियों को भी जोड़ा जाए व उनके सुझाव कों महत्व दिया जाए। क्योंकि प्रदेश का व्यापारी हर माह लाखों रुपए का टैक्स जमा कर सरकार के खजाने को भरता है। उसके बाद भी जीएसटी के अधिकारियों द्वारा उसे चोर की तरह देखा जा रहा है। अब तो व्यापारियों के प्रतिष्ठानों और उद्योगों के बाहर जीएसटी टीम का पहरा बैठा दिया गया है। जिसके चलते व्यापारी काम मानसिक उत्पीड़न हो रहा है। उक्त प्रक्रिया को बंद किया जाना चाहिए और व्यापारी को उसका सम्मान मिलना चाहिए। इसके अलावा प्रदेश में ई- वें – बिल प्रथा लागू है। ऐसे में सचल दल की आवश्यकता नहीं रह जाती।

 

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सचल दल अधिकारी केवल अपने टारगेट को पूरा करने के लिए व कार्यों का अनावश्यक उत्पीड़न करते हैं। और उनकी गाड़ियों को कई -कई दिन तक डिटेन कर दिया जाता है। जिसके चलते व्यापारियों को काफी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। व्यापारियों ने सचल दल विभाग को समाप्त किए जाने की मांग की है। साथ ही उक्त मांगों को जल्द पूरा न किए जाने पर पूरे प्रदेश में व्यापारियों द्वारा बड़ा आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है। वही मामले में जीएसटी विभाग के अधिकारी डॉ लोमेस विभाग के अधिकारियों पर लगे आरोपो के संबंध में कैमरे के सामने कुछ भी कहने से स्टाफ इनकार कर दिया। जिसके चलते जीएसटी विभाग के अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवालिया चिन्ह लग रहे हैं।

 

 

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