प्रयागराज। भारतीय किसान यूनियन के द्वारा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित किसान महाकुंभ राष्ट्रीय चिंतन शिविर के अंतिम दिन आज किसान/मजदूर महापंचायत आयोजित की गई, जिसको संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि देश में चल रहे आंदोलन में हम किसानों के साथ है और दोनों बॉर्डर और जगजीत सिंह डालेवाल की सेहत को ध्यान में रखते हुए हम आंदोलन को धार देते हुए उत्तर प्रदेश में ग्यारह किसान महापंचायत आयोजित करेंगे।
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जिसमें किसान मजदूर महापंचायत उत्तर प्रदेश में 9 फरवरी फिरोजाबाद,10 फरवरी मैनपुरी,11 फरवरी आगरा,12 फरवरी हाथरस,17 फरवरी मुजफ्फरनगर,23 फरवरी गाजियाबाद,25 फ़रवरी पीलीभीत 26 फरवरी शाहजहांपुर,27 फरवरी अमेठी,28 फरवरी मिर्जापुर इन सभी की घोषणा के बाद भारतीय किसान यूनियन ने देश के प्रधानमंत्री के नाम अपनी मांगो का ज्ञापन सौंपा गया। देश का अन्नदाता व निर्माणदाता विकास की दो सबसे मजबूत धुरी है।
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प्रधानमंत्री यह वर्ग कभी भी देश को भूखा नहीं सोने देता कर्ज की मार हो या मौसम का प्रहार इसने सबको हंसते-हंसते सहा है, लेकिन मौजूदा हालात में यह वर्ग अपने वजूद को तलाश रहा है, बढ़ती हुई महंगाई ग्रामीण परिवारों पर बोझ बनने का काम कर रही है। जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव इन परिवारों से आने वाले बच्चों की शिक्षा पर पड़ रहा है। एक तरफ महंगाई और दूसरी तरफ बेरोजगारी बच्चों के भविष्य को खतरे में डाल रही है। यह सब हालात इन परिवारों को कर्ज लेने पर मजबूर कर रहे हैं। जमीने बैंकों में बंधक हो चुकी हैं, अगर एमएसपी गारंटी कानून हो और फसलों का सही भाव हो तो उनके सिर से यह भार कुछ काम हो सकता है। इसी वजह से देश का यह वर्ग आत्महत्या करने पर मजबूर है।
वर्ष 2025 शुरू हो चुका है और आपके नेतृत्व की एनडीए सरकार का तीसरा सत्र आ गया है साथ ही आपकी यह सरकार 11वें वर्ष में भी प्रवेश कर गई है। भारतीय किसान यूनियन आपसे इस वर्ग की 11 मांगे और उन सभी के हल की आशा करता है, जिसमें जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और साथ ही एग्रीकल्चर की स्टैंडिंग कमेटी में भी शामिल थे, तब आपने तत्कालीन सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें कहा था कि देश के किसान को एमएसपी गारंटी कानून मिलना चाहिए, क्योंकि फसल के वाजिब भाव के बिना इनका उद्धार नहीं हो सकता। हम किसान पुनः इस रिपोर्ट के बारे में आपको याद दिलाना चाहते हैं अब आप देश के प्रधानमंत्री के पद पर आसीन हो, एमएसपी को गारंटी कानून का दर्जा देते हुए सी2$50 के फार्मूले को लागू करने का काम करें। जब आप एनडीए के प्रधानमंत्री के पद के दावेदार थे। 20.03.2014 को महाराष्ट्र के येवतमाल जिले के दाभडी गांव में किसानों से चाय पर चर्चा करने के लिए गये थे, जहाँ पर गांव के लोग आपसे व्यक्तिगत रूप से जुडे और 1500 से अधिक किसान ऑनलाईन माध्यम से जुडे। उस समय का आपका यह कथन आज भी किसानों को याद है।
आपने कहा था कि मैं देश के किसानों को विश्वास दिलाता हूं कि हम देश के कृषि क्षेत्र को बदल सकते हैं, देश के गांव को बदल सकते हैं, देश का जीवनस्तर बदल सकते हैं, मुझे बस आपका समर्थन चाहिए। हम देश के किसानों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लायेंगे, लेकिन देश के किसानों के हालात आर्थिक रूप से खस्ताहाल होती जा रही है, क्योंकि लागत अधिक और मूल्य कम मिलता है। आप अपने इस कथन को याद कर नीतिगत रूप से लागू करने का काम करें। आपकी अगुवाई वाली सरकार में 2016 में किसानों से एक वायदा किया था कि हम आपकी 2022 तक आय दोगुनी कर देंगे, लेकिन वर्ष 2025 शुरू हो गया है किसान पूर्व के हालातों से ही जूझ रहा है। किसान की आय दोगुनी तो हुई नहीं, लेकिन सरकारी आंकड़ों में कर्ज बढ़ गया है। इस विषय को ध्यान में रखते हुए देश के किसान की सम्पूर्ण कर्जमाफी की जाए जिससे वह कर्जमुक्त खेती कर सके। उत्तर प्रदेश में गन्ने के पेराई सत्र शुरू हुए 2 माह से भी अधिक का समय हो गया है, लेकिन प्रदेश सरकार ने गन्ने का भाव घोषित नहीं किया है।
उत्तर प्रदेश सहित गन्ना उत्पादक सभी राज्यों में बढ़ती हुई लागत को देखते हुए भाव 500 रुपये प्रति कुन्तल घोषित किया जाए। साथ ही भुगतान की समस्त प्रक्रिया को डिजिटल माध्यम से जोड़ा जाए। देश का किसान दिल्ली में हुए आन्दोलन से लेकर आज तक अपनी सभी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा है। पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं, जिनका स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है। उनकी सेहत और देश के किसान जो शम्भू और खनौरी बॉर्डर पर 10 माह से भी अधिक समय से आन्दोलन कर रहे हैं, का संज्ञान लेते हुए उनकी सभी मांगें किसान व देशहित में मानने का कार्य करें।
देशभर में अनेंकों नेशनल हाईवे व सरकारी संस्थानों के लिए जमीनों के अधिग्रहण का कार्य प्रगति पर है, लेकिन किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है, जिसे लेकर देशभर में किसान आन्दोलन कर रहे हैं। जमीनों का सर्किल रेट प्रतिवर्ष को आधार मानते हुए रिवाईज किया जाए, साथ ही अधिग्रहण की प्रक्रिया बाजारी मूल्य के चार गुना पर की जाए। साथ ही एलएआरआर अधिनियम 2013 और एफआरए प्रभावी रूप से किसानहित में लागू किया जाए। स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली आम जीवन से जुडा एक बड़ा विषय है।
इसका निजीकरण न किया जाए, साथ ही कोई भी प्रीपेड स्मार्ट मीटर न हो, सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपबब्ध करायी जाए। घरेलू उपयोगकर्ताओं के लिए देशभर में 300 यूनिट मुफ्त दी जाए। देश में केन्द्र सरकार एक नेशनल एग्रीकल्चर मार्किट पॉलिसी कृषि नीति का एक नया मसौदा लेकर आयी है, इसे सरकार तत्काल प्रभाव से रद्द करें, क्योकि यह राज्य सरकारों के अधिकारों पर भी प्रहार है। सभी किसान संगठनों व विशेषज्ञों से वार्ता कर एक व्यापक कृषि नीति का मसौदा तैयार करें, जिसका लाभ देश के किसानों को सकें।देश में बहुत-सी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ ऐसी हैं जो बीज और पेस्टीसाईडस दोनों अपना ही तैयार कर रही हैं, जो कि स्वदेशी बीजों पर प्रहार करने का काम रहे हैं।
अत्यधिक पेस्टीसाईडस का इस्तेमाल जमीनों को बंजर करने का काम रहा है। बीज नीति में संशोधन किया जाए और खेती में इस्तेमाल होने वाले उपकरण व अन्य वस्तुओं को जीएसटी मुक्त किया जाए और जेनेटिकली मोडिफाईड (जीएम) सीड्स को देश में पूर्णतः प्रतिबन्धित किया जाए, क्योंकि यह आम जनजीवन के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी घातक साबित हो सकते हैं।
देशभर में वनों की कटाई का कार्य प्रगति पर है। छत्तीसगढ़ के हंसदेव में बड़ी संख्या में पेड़ काट दिए गए हैं जिसका सीधा प्रभाव वहां के आदिवासी लोगों पर पहुंचा है। एक तरफ सरकार पर्यावरण प्रेमी होने का दावा करती है, दूसरी तरफ जंगलों को उजाड़ रही है। प्राकृतिक आपदाओं सहित ऐसे सभी विषयों को ध्यान में रखते हुए जो आम जनजीवन पर प्रभाव डालते हों, तत्काल प्रभाव से वनों की कटाई को रोका जाए।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्रभावी रूप से जमीनीस्तर पर प्रचार-प्रसार करते हुए लागू किया जाए, साथ ही सभी तरीके की आपदाओं सहित किसान की मृत्यु होने पर उसे मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। इस योजना का ज्यादा फायदा बीमा कम्पनियाँ उठा रही हैं। इन सभी विषयों पर बीमा कम्पनियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
उत्तर प्रदेश के जनपद प्रयागराज में आयोजित भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय चिंतन शिविर (किसान महाकुम्भ) में आए सभी किसान और देशवासी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से आशा करते हैं कि इन सभी विषयों का संज्ञान लेते हुए आप भी प्रदेश के मुखिया होने के नाते देश की केन्द्र सरकार को पत्र के माध्यम से इन सभी मांगों को हल करने का आग्रह करेंगे।