Wednesday, May 8, 2024

शामली में रिश्वत प्रकरण में मुख्य विकास अधिकारी और डीडीओ निलंबित

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शामली। सरकारी योजनाओं को गति देने में रुचि नहीं लेने, रिश्वत प्रकरण में कार्रवाई नहीं करने और बैठकों से नदारद रहने पर शासन ने शामली के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) रंजित सिंह को निलंबित कर दिया। इसके अलावा रिश्वत मांगने के कारण विभाग की छवि धूमिल करने पर जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) रजत यादव को भी निलंबित किया गया है। जिलाधिकारी की संस्तुति पर दोनों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।

राज्यपाल के आदेश से संयुक्त सचिव प्रहलाद बरनवाल ने देर रात निलंबन का आदेश जारी किया। आदेश में कहा कि मुख्य विकास अधिकारी ( सीडीओ) शामली में तैनात रंजित सिंह विभागीय कार्यों, योजनाओं को गति देने में कोई रुचि नहीं ले रहे। विभागीय योजनाओं का अनुश्रवण न करने, जिले में समय-समय पर आयोजित होने वाली समीक्षा बैठकों में योजनाओं की प्रगति आख्या से उच्चाधिकारियों को अवगत नहीं कराते, मुख्यमंत्री की महत्वकांक्षी योजना निराश्रित गोवंश संरक्षित करने में भी लापरवाही बरती गई। इसके अलावा भारत संकल्प यात्रा जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा बैठकों से नदारद रहते हैं।

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यही नहीं, जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) रजत यादव और उनके लिपिक द्वारा रिश्वत प्रकरण में भी मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) रजित सिंह ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) कई दिन तक नदारद रहे। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार को कई मामलों में रिपोर्ट मांगने के बावजूद भी स्पष्टीकरण उपलब्ध नहीं कराया गया। शासकीय कार्यों के प्रति लापरवाही व अनुशासनहीनता बरतने के कारण जिले के विकास योजनाओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। भ्रष्टाचार मामले में कार्रवाई नहीं करने पर विभाग की छवि भी धूमिल हुई। आदेश में कहा कि मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) रजित सिंह को उत्तर प्रदेश सेवक नियमावली 1999 के नियम 4 के अंतर्गत निलंबित किया जाता है। निलंबन की अवधि में वह लखनऊ में अयुक्त ग्राम्य विकास लखनऊ से संबद्ध रहेंगे।

 

इसके अलावा जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) के पद पर तैनात रजित यादव द्वारा शिकायतकर्ता अश्वनी कुमार से उनके बोलेरो गाड़ी के बकाया किराया भुगतान हेतु कनिष्ठ लिपिक अक्षय कुमार के माध्यम से रिश्वत मांगने का मामला शामली कोतवाली में दर्ज किया गया था। जिससे विभाग की छवि धूमिल हुई। पद का दुरुपयोग जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) ने किया। जिला मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) को भी निलंबित करने के आदेश दिए गए। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) रजित सिंह और जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) रजत यादव के निलंबन का आदेश मिल गया है।

 

अक्तूबर को लिपिक को 30 हजार की रिश्वत के साथ पकड़ा था

जनपद के गोंहरनी रोड स्थित विकास भवन स्थित जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) कार्यालय के लिपिक को सहारनपुर एंटी करप्शन टीम ने 1 अक्तूबर को रंगेहाथ 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। पीड़ित के बयान व रिकॉर्डिंग के आधार पर जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) का नाम भी इस मामले में शामिल कर जांच शुरू कर दी है। लापरवाही के साथ-साथ रिश्वत प्रकरण भी जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) पर गाज गिरने का प्रमुख कारण बने। जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) के कारण जहां विभाग की छवि धूमिल हुई। वहीं मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने इस मामले में कार्रवाई नहीं करते हुए जिला विकास अधिकारी (डीडीओ) को बचाने का प्रयास किया।

 

जिलाधिकारी के यहां शिकायतों का था अंबार

मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की आए दिन जिलाधिकारी रविंद्र कुमार के यहां पर लोग शिकायत कर रहे थे। जिसके कारण जिलाधिकारी ने रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी थी। पिछले दिनों ब्लॉक प्रमुखों ने भी मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) पर आरोप लगाए थे। पूर्व में शिकायतों के कारण ही मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) रंजित सिंह का बागपत से लखनऊ स्थानांतरण किया गया था।

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