गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देशित किया है कि जो भी जरूरतमंद आयुष्मान हेल्थ कार्ड से वंचित रह गए हैं, उनके कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनवाए जाएं। जन स्वास्थ्य की रक्षा हमारा दायित्व है, इसलिए किसी के इलाज में धन की बाधा नहीं आनी चाहिए।
जिनके आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाएं हैं, उनके इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में बेहतर व्यवस्था बनाई जाए और इसके बाद भी जरूरत पड़े तो हायर सेंटर में इलाज के लिए इस्टीमेट बनवाकर शासन को उपलब्ध कराएं। इस्टीमेट मिलते ही इलाज के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से आर्थिक सहायता राशि जारी की जाएगी। सीएम योगी ने उक्त निर्देश गुरुवार को गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन के दौरान दीं। मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर आयोजित जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने करीब सात सौ लोगों की समस्याएं सुनीं।
कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद पहुंचे और इत्मीनान से उनकी बात सुनने के बाद उनके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित किया। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को भरोसा दिलाया कि सबकी पीड़ा दूर की जाएगी। जनता दर्शन में दूसरे जिलों के भी लोग आए थे। जनता दर्शन में गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु आर्थिक सहायता की गुहार लेकर आए लोगों को मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इलाज में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। संबंधित अस्पताल से इस्टीमेट लेकर प्रक्रिया पूरी करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराया जाए। विवेकाधीन कोष से तत्काल सहायता राशि जारी करा दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस्टीमेट की प्रक्रिया को प्राथमिकता पर पूर्ण कराएं।
इस दौरान पुलिस व राजस्व से जुड़ी शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी जिले स्तर पर ही समस्या का समाधान सुनिश्चित करें ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े। उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि जनसमस्याओं के निस्तारण में हीलाहवाली अक्षम्य होगी। हर व्यक्ति की समस्या का पूरी प्रतिबद्धता और पारदर्शिता से न्यायोचित समाधान शासन-प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है और इसमें किसी ने भी लापरवाही की तो उसे दंड का भागी बनना पड़ेगा। इसलिए अधिकारी संवेदनशीलता से लोगों की समस्याओं को सुनें और गुणवत्तापूर्ण, त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।
गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर की गोशाला पहुंचे और गोसेवा की।