Friday, November 22, 2024

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल की हुई एंजियोप्लास्टी, मुख्यमंत्री सुक्खू देखने पहुंचे कैलाश अस्पताल नोएडा

नोएडा। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुखु सोमवार रात 8:30 बजे के करीब नोएडा के कैलाश अस्पताल पहुंचे। वहां पर उन्होंने उपचाराधीन हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला का हाल-चाल लिया, तथा उनकी तबीयत के बारे में डॉक्टरों से जानकारी हासिल की। उन्होंने गवर्नर के परिजनों से भी बात की।
मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर पुलिस विभाग ने कैलाश अस्पताल के आसपास चाक-चौबंद व्यवस्था की थी। उनके साथ कुछ कांग्रेसी नेता भी अस्पताल पहुंचे लेकिन उन्हें गवर्नर से नहीं मिलने दिया गया। बताया जाता है कि गवर्नर के सुरक्षा अधिकारियों ने उनसे मिलने के लिए सिर्फ मुख्यमंत्री को ही अनुमति दी।
कैलाश अस्पताल के वरिष्ठ प्रबंधक बीवी जोशी ने बताया कि सीने में दर्द की शिकायत पर रविवार रात नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती हुए हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला की सोमवार सुबह एंजियोग्राफी की गई। जांच में हृदय की एक धमनी में ब्लाकेज की शिकायत पर डाक्टरों ने एंजियोप्लास्टी कर स्टेंट डाला। उनकी हालत में सुधार हो रहा है। उन्हें स्वास्थ्य लाभ के लिए अस्पताल में भर्ती रहने की सलाह दी है।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल की सेहत जानने के लिए बड़ी संख्या में सुबह से शाम तक विभिन्न पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता अस्पताल पहुंचे। वहीं, गौतमबुद्धनगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने भी अस्पताल पहुंचकर डाक्टरों से हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल की सेहत के बार में जानकारी ली।
डाक्टरों ने उन्हें दो दिन इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती रहने की सलाह दी है। राज्यपाल की तबीयत नासाज होने की खबर के बाद विभिन्न पार्टी के नेताओं ने उनकी कुशलक्षेम जानी और इंटरनेट मीडिया पर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
शिव प्रताप शुक्ला हिमाचल प्रदेश के 29 वें गवर्नर हैं। वे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के रुद्रपुर के रहने वाले हैं। वह चार बार विधायक, तीन बार केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। शुक्ला ने अपना सियासी सफर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरू किया।
शिव प्रताप शुक्ला गोरखपुर से 1989, 1991, 1993 और 1996 में लगातार चार बार विधायक रहे। देश में लगे आपातकाल के दौरान उन्हें 26 जून, 1975 को जेल भी जाना पड़ा। वह 18 महीने बाद साल 1977 में जेल से छूटे। साल 2002 में विधा
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