धमतरी। जिले के रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में आयोजित दो दिवसीय जल जगार महोत्सव का आज शुभारम्भ प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित हितग्राहियों का सम्मान किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पांच अक्टूबर को जल जगार कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है। नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए लगातार काम कर रहे हैं। आप सब इस आंदोलन मे बढ़ चढ़कर भागीदारी निभाएं। नक्सलवाद के खात्मे के बाद छत्तीसगढ़ स्वर्ग हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले नलकूप अधिकतम 300 फीट तक ही खोदे जाते थे। धमतरी में वाटर लेवल डाउन हो गया था। पर जिला प्रशासन के प्रयासों से इसे बढ़ाने में सफलता मिली है। जल संचय और जल संरक्षण पर विमर्श के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इसमें चार अन्य देशों के प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं।आप सभी ने मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया, इसके लिए आभार। जल और वन संरक्षण के लिए हम सबको चिंता करने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ को डबल इंजिन की सरकार का फायदा मिल रहा है। मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि इस महती कार्यक्रम के लिए धमतरी वासी बधाई के पात्र है। जल बचाने का कार्यक्रम केवल शासकीय तक ही सीमित ना रहे। बल्कि इसमें जन जन की भागीदरी सुनिश्चित हो। नौ लाख से ज्यादा पीएम आवास का पैसा आया है।
जलसंरक्षण पर हुई चर्चा, किया गया सम्मान
जल जगार महोत्सव में कंडेल नहर सत्याग्रह की प्रत्यक्षदर्शी 109 वर्षीया राम्हीन प्रजापति का सम्मान किया गया। स्वतंत्रता सेनानी बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव के प्रपोत्र यतीश भूषण श्रीवास्तव का भी सम्मान किया गया । गंगरेल के तट पर अलौकिक दृश्य रहा। मुख्यमंत्री और अन्य अतिथि महानदी महाआरती में शामिल हुए । मुख्यमंत्री ने जिले के 108 अमृत सरोवरों से संग्रह किए गए जल से पूजा अर्चना और विधि विधान से रुद्राभिषेक किया।
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि यह अपने आप में एक नवाचारी कार्यक्रम है। पूरे देश मे अकेला डेम काम्प्लेक्स है। यहां चार बाँध है। जल जगार महोत्सव के मंच में प्रदेश के राजस्व मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि आज के परिवेश मे इसकी आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत घर घर पानी देकर संदेश दिया है। गली मे बहने वाले पानी को बचाये।पानी के महत्व को समझें। उन्होंने छत्तीसगढ़ी गीत के माध्यम से जल की महत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया मे हर 6वां नागरिक भारतीय है लेकिन यहाँ पानी केवल 4 प्रतिशत ही उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जल जगार महोत्सव में कबाड़ से जुगाड़ प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान कबाड़ से बनाए गए विभिन्न प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए.. बच्चों के वैज्ञानिक प्रतिभा को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कबाड़ से बनाए गए कलाकृति बहुत ही अदभुत है। श्री साय ने जल जगार महोत्सव में शामिल होकर चरखा से खादी का सूत काता। इंदिरा संगीत विश्विद्यालय खैरागढ़ मे बैचलर आफ फाइन आर्ट्स की सातवें सेमेस्टर में अध्ययनरत छात्रा कुमारी पूनम चक्रधारी ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को आयल पेंट्स से केनवास में बनाए गए पोट्रेट भेट की। मुख्य्मंत्री की प्रेरणा से राज्य मे चार करोड़ पेंड़ लगाया गया है। यहाँ सामुदायिक साझेदारी से जल सरक्षण का अद्भुत प्रदर्शन हो रहा है।ये जन जन का आंदोलन होना चाहिए। इस अवसर पर सांसद महासमुंद ने कहा कि आज जल का स्तर लगातार नीचे जा रहा है। इसे जन आंदोलन का रूप देना है। सबकी भागीदारी आवश्यक है।