Sunday, April 27, 2025

बाल कथा: साहसी राजू

राजू सातवीं कक्षा का छात्र था। उसका स्कूल घर से करीब एक किलोमीटर दूर था। रास्ते में रेलवे का फाटक भी पड़ता था। इसलिए उसे अक्सर देर हो जाया करती थी। इसी वजह से उसे स्कूल में अध्यापक की डांट भी सुननी पड़ती थी।
एक दिन राजू थोड़ा लेट हो गया था। फटाफट उसने अपना बैग उठाया और तेज कदमों से स्कूल की ओर चल पड़ा।

जल्दी-जल्दी में वह अपना टिफिन ले जाना भी भूल गया। रास्ते में सड़क के किनारे कई पेड़ लगे हुए थे, जिससे पता ही नहीं लगता था कि ट्रेन के आने का सिग्नल हुआ या नहीं। अत: फाटक पर पहुंचकर ही पता लग पाता था।

जैसे ही वह फाटक के पास पहुंचा, तभी सिग्नल हो गया। उसे चार-पांच पटरियां एक साथ पार करनी पड़ती थीं, इसलिए उसे वहीं खड़ा रहना पड़ा। अचानक एक पेड़ से बहुत से बंदर कूदे और छलांग लगाते हुए पटरियां पार कर गए। इतने में ही एक बहुत बड़ा बंदर पेड़ से कूदा और एक बुढिय़ा जो कि राजू के आगे खड़ी थी, पर कूदता हुआ पटरी लांघ गया।

[irp cats=”24”]

बुढिय़ा घबराकर पटरी के बीच जा गिरी। गिरने से उसे काफी चोट भी आई तथा खून भी बहने लगा। बुढ़ापे के कारण उसे सुनाई व दिखाई कम देता था, अत: उसने न तो टेऊन का हार्न सुना और न ही सिग्नल देखा।

राजू ने देखा कि सामने से ट्रैन आ रही है और बूढ़ी औरत से उठा भी नहीं जा रहा है। फटाफट उसने अपना बैग एक तरफ फेंका और पूरी ताकत से बुढिय़ा को पटरी से एक तरफ खींचा। उसे खींचकर वह एक तरफ कर ही पाया था कि धड़-धड़ करती हुई ट्रैन गुजर गई। दोनों की जान बच गई।

जब इस घटना को पीछे आने वालों ने देखा तो उन्होंने उन दोनों को उठाकर एक जगह बैठा दिया। लोगों ने बुढिय़ा से कहा कि आज इस बच्चे ने अपनी जान जोखिम में डालकर तुम्हें बचाया है। तब बुढिय़ा ने कहा, ‘बेटा, हमेशा सुखी रहो।’
जब राजू की घबराहट थोड़ी कम हुई तो वह स्कूल की ओर बढऩे लगा। उसे बहुत ही देर हो चुकी थी।

जैसे ही वह कक्षा में प्रवेश करने लगा अध्यापक ने कहा, ‘रूक जाओ, अंदर आने की जरूरत नहीं। अपना बैग उठाओ और घर का रास्ता नापो। हां, कल अपने माता-पिता को साथ लेकर आना। मैं उन्हीं से बात करूंगा।’
जैसे ही राजू घर जाने के लिए पीछे मुड़ा, तीन-चार लोगों ने जो उसके पीछे आ रहे थे, अध्यापक को सारी घटना सुनाई।

तब अध्यापक ने राजू को बुलाकर शाबाशी दी, ‘तुम वास्तव में बहुत ही बहादुर और साहसी हो।’
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजू को पुरस्कार देने की घोषणा भी की गई।
-नरेन्द्र देवांगन

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय