Tuesday, April 29, 2025

भारत के साथ आगे बढ़ा रहे हैं कैलाश मानसरोवर यात्रा की तैयारी : चीन

बीजिंग। चीन ने सोमवार को कहा कि वह भारत के साथ मिलकर कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए संबंधित तैयारियों को आगे बढ़ा रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने इसे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और जनसंपर्क आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि पवित्र पर्वत और झील तिब्बती बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म सहित कई धर्मों के श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। बीजिंग में एक नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान प्रवक्ता ने कहा, “चीन और भारत के बीच हुए समझौते के अनुसार, कैलाश मानसरोवर यात्रा इस गर्मी में फिर से शुरू होगी। दोनों पक्ष फिलहाल आवश्यक तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा, “इस वर्ष चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। चीन, भारत के साथ मिलकर नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण साझा समझ को ईमानदारी से लागू करने और द्विपक्षीय संबंधों को अच्छा और स्थिर विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।

“पिछले सप्ताह भारत के विदेश मंत्रालय ने भी घोषणा की थी कि लंबे समय से प्रतीक्षित कैलाश मानसरोवर यात्रा इस वर्ष जून से अगस्त के बीच आयोजित की जाएगी। विदेश मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार, “इस वर्ष पांच दल, प्रत्येक में 50 यात्री, उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से और 10 दल, प्रत्येक में 50 यात्री, सिक्किम के नाथू ला दर्रे से यात्रा करेंगे।” बताया गया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए आवेदन स्वीकार करने के लिए वेबसाइट kmy.gov.in शुरू कर दी गई है। 2015 से ही ऑनलाइन आवेदन से लेकर यात्रियों के चयन तक की पूरी प्रक्रिया कम्प्यूटरीकृत कर दी गई है। विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि आवेदकों को जानकारी पाने के लिए पत्र या फैक्स भेजने की आवश्यकता नहीं है। वेबसाइट पर उपलब्ध फीडबैक विकल्प के माध्यम से जानकारी प्राप्त की जा सकती है या सुझाव दर्ज किए जा सकते हैं।

भारत और चीन इस वर्ष की शुरुआत से ही यात्रा को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया और नियम तय करने में जुटे हुए थे। बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा 2020 में कोविड-19 महामारी के फैलने के बाद और चीन द्वारा यात्रा व्यवस्थाओं का नवीनीकरण न करने के कारण स्थगित कर दी गई थी। इससे पहले भारतीय सरकार ने 1981 से लिपुलेख दर्रे और 2015 से नाथू ला दर्रे के माध्यम से यात्रा का आयोजन किया था। जनवरी 2025 में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीन के उप विदेश मंत्री के नेतृत्व में हुई बैठक में दोनों देशों ने यात्रा को फिर से शुरू करने की योजना पर सहमति जताई थी। इस बैठक में भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की गई और कुछ जन-केंद्र‍ित कदम उठाने पर सहमति बनी थी, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अक्टूबर 2024 में कजान में अपनी बैठक के दौरान तय किया था

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय