Saturday, November 2, 2024

माफिया डॉन मुख्तार के बेटे अब्बास और बहू निखत के फाइनेंसर शाहबाज आलम को चित्रकूट पुलिस ने बनारस से दबोचा

चित्रकूट। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुंदेलखंड के चित्रकूट जिला कारागार में बंद रहे पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे एवं मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो से अनधिकृत मुलाकात के मामले में पुलिस ने एक और गुर्गे को गिरफ्तार किया है।

वाराणसी जिले से पकड़े गये शाहबाज आलम ने अब्बास-निखत अंसारी को चित्रकूट कारागार में वीवीआईपी सुख-सुविधाएं मुहैया कराने के बदले में जेल अधिकारियों-कर्मचारियों एवं अन्य सहयोगियों को लग्जरी गाड़ियां, आभूषण एवं नगद धनराशि आदि मुहैया कराने के नाम पर छह माह की अवधि में 179 लाख का ट्रांजेक्शन किया है।

रविवार को डीआईजी बांदा डॉ विपिन मिश्रा एवं एसपी चित्रकूट वृंदा शुक्ला ने पत्रकार वार्ता में बताया कि चित्रकूट जिला कारागार में बंद रहे अब्बास अंसारी और उसकी पत्नी निखत बानो की गैर कानूनी मुलाकात मामले की विवेचना के दौरान यह प्रकाश में आया कि कैंटीन ठेकेदार नवनीत सचान के खाते में अब्बास अंसारी के कहने पर जो रुपये डाले गए थे, उसमें शाहबाज आलम पुत्र शाहिद आलम निवासी अर्दली बाजार थाना कैंट वाराणसी की भूमिका अहम रहीं है।

एसपी के अनुसार अब्बास अंसारी का यह गुर्गा वाराणसी में एक सीए के कार्यालय में काम करता है और उसके द्वारा दो बैनामी खाते संचालित किए जा रहे थे। जांच में यह भी पता चला कि नवनीत सचान के खाते में दो लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ। इस मामले में अहम भूमिका पाये जाने पर कर्वी कोतवाली प्रभारी दीपेंद्र कुमार सिंह, उप निरीक्षक राधेश्याम सिंह, आरक्षी रोहित सिंह और पीयूष शरण श्रीवास्तव ने इसे बनारस से गिरफ्तार किया।

पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला सामने आ रहा है। रुपये के लेनदेन में शेल कंपनियों का भी रोल रहा है। एसपी ने बताया कि इन बैनामी खाते के अतिरिक्त कुछ शेल कंपनियां भी पाई गई हैं, जिनमें कैश जमा करके इधर-उधर लेनदेन किया जाता था। बताया कि यह गिरोह मऊ जिले के अलावा गाजीपुर, वाराणसी, आजमगढ़, जौनपुर, दिल्ली सहित अन्य शहरों में भी अब्बास अंसारी के लिए काम करता है।

जांच में शेल कंपनियां भी सामने आईं

विवेचना में सामने आया कि पिछले छह माह के अंदर इन खातों में दो बार में 92 लाख और 87 लाख का ट्रांजेक्शन किया गया है। पूछताछ के दौरान शाहबाज ने बताया कि अब्बास के गुर्गे उसको कैश पहुंचाते थे और यह भी बताते थे कि किसके खाते में पैसा डालना है। इसके बाद वह उन खातों में रुपये भेज देता था। इन रुपयों का उपयोग जेल अधिकारियों को नगद या उपहार का लालच देकर अपने लिए जेल में सुविधाएं उपलब्ध कराना, वकीलों और दलालों को अपने मुकदमों की पैरवी के लिए पैसे देना व अवैध कामों में खर्च करने में किया जाता रहा है।

प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग की भी ली जाएगी मदद

एसपी ने बताया कि लेनदेन का जिम्मा नियाज और उसके सहयोगी संभालते थे। इतनी बड़ी धनराशि के ट्रांजेक्शन से अवैध स्रोतों से कमाई के आरोपों को बल मिला है। बताया कि इस मामले में आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय से भी मदद ली जाएगी।

गौरतलब है कि 10 फरवरी को डीएम और एसपी ने जिला जेल की औचक चेकिंग में पाया था कि अब्बास अंसारी और उसकी पत्नी निखत बानो की मुलाकात कराई जा रही थी। पता चला था कि ये दोनों अनधिकृत रूप से कई महीने से मिल रहे थे और इसमें कुछ सहयोगियों के साथ जेल के कुछ कर्मचारियों-अधिकारियों की मिलीभगत भी है। इस संबंध में कोतवाली में धारा 387, 222, 186, 506, 201, 120 बी, 195ए, 34 आईपीसी, 42 बी, 54 प्रिजनर्स व सेवन सीएलए एक्ट के साथ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में दंपति, उसके चालक नियाज, सहयोगियों व जेल अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। अभी तक सहयोग के आरोप में सपा नेता फराज खान, कैंटीन ठेकेदार नवनीत सचान के अलावा जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर, जेलर संतोष कुमार, डिप्टी जेलर चंद्रकला, जेल वार्डर जगमोहन को गिरफ्तार किया जा चुका है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय