देहरादून। राजधानी देहरादून में बेरोजगारों युवाओं के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। जल्द ही राज्यपाल की मुहर लगने के बाद उत्तराखंड नकल विरोधी कानून प्रदेश में लागू हो जाएगा। इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर दी।
उन्होंने कहा कि वो नकल माफिया को प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे। सरकार ने उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को सहमति देकर भड़के हुए युवाओं शांत करने का प्रयास कर रही है।
बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने बीते दिनों ही उत्तराखंड नकल विरोधी कानून को मंजूरी दी थी, जिस अध्यादेश को आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी सहमित दे दी है। उम्मीद की जा रही है कि मार्च में होने वाले उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा।
धामी से सहमति मिलने के बाद उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को राज्यपाल गुरमीत सिंह के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल की मुहर लगते ही ये अध्यादेश जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद प्रदेश में नकल विरोधी कानून लागू हो जाएगा।
उत्तराखंड में लगातार भर्ती परीक्षा के पेपर लीक हो रहे हैं। हाल ही में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोजित कराई गई पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक हो गया था। इससे पहले ही यूकेएसएसएससी के भी कई पेपर लीक हो चुके हैं। ऐसे में सरकार सवालों के घेरे में थी। इसीलिए बीते दिनों धामी सरकार ने कैबिनेट में नकल विरोधी कानून का ऐलान किया।
उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के तहत यदि कोई अभ्यर्थी नकल करते हुए पकड़ा गया तो उसका भविष्य पूरी तरह से खराब हो जाएगा। क्योंकि कानून के अनुसार वो अभ्यर्थी 10 साल तक प्रदेश की किसी भी भर्ती परीक्षा में हिस्सा नहीं ले सकता। यहीं नहीं, नकल कराने वाले के खिलाफ और ज्यादा सख्ती की गई है। क्योंकि इस कानून में उसकी संपत्ति जब्त करने के साथ ही गैंगस्टर एक्ट लगाने का अधिकार भी पुलिस को दिया गया है।