ऋषिकेश। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा को शुरू हुए 17 दिन हो गए हैं। धामों के कपाट खुलते ही क्षमता और उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालु एक साथ पहुंच रहे हैं, जिससे प्रशासन की तमाम व्यवस्था लड़खड़ा गई हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके बाद मोर्चा संभाला और अपने विश्वसनीय और सबसे ज्यादा अनुभवी अधिकारियों को चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी सौंपी। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 31 मई तक बंद करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद हजारों की संख्या में हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचे श्रद्धालुओं को काफी निराशा हुई। ये लोग ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी खुद सोमवार को ऋषिकेश पहुंचे, जहां उन्होंने चारधाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन कार्यालय का निरीक्षण किया, और साथ ही वहां रुके हुए तमाम श्रद्धालुओं से मुलाकात की और उनसे बात की। इस दौरान उन्होंने विदेशों और अन्य राज्यों से आए श्रद्धालुओं से भी बातचीत की और उनसे फीडबैक लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने सभी अधिकारियों से चारधाम यात्रा को लेकर जानकारी ली, साथ ही दी जा रही व्यवस्था और सुविधाओं को दुरुस्त रखने के साथ किसी भी तरह की कमी या लापरवाही न हो, इसके भी सख्त निर्देश दिए। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को दी जा रही सभी सुविधाओं और व्यवस्थाओं जैसे भोजन, पेयजल, बिजली, शौचालय, दवाइयां और अन्य सभी सुविधाओं को और अधिक सुदृढ बनाने के भी निर्देश दिए।
सीएम धामी ने निरीक्षण के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाए गए विश्राम स्थल, स्वास्थ्य केन्द्र एवं यात्रा नियंत्रण कक्ष में भी तमाम सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने एवं व्यवस्थित यात्रा के लिए आपसी सामंजस्य से कार्य करने के निर्देश दिये। धामी ने कहा, विभिन्न क्षेत्रों से उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं की सुगम सुरक्षित एवं सुविधाजनक चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। देवभूमि में आने वाले सभी श्रद्धालु अच्छी यादें और सुखद अनुभव लेकर प्रदेश से जाएं।