लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर दिव्यांगजन सशक्तीकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 19 महानुभावों को राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 40 दिव्यांगों को सहायक उपकरण वितरित किया। कार्यक्रम में 75 से 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले दिव्यांग छात्रों को सम्मानित किया। इसके अलावा 28 युवाओं को कम्प्यूटर प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र दिया गया है।
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लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांग किसी से कम नहीं हैं। हमारे यहां अष्टावक्र व सूरदास जैसी अनेक विभूतियां रहीं हैं। आज भी राम भद्राचार्य जैसी आध्यात्मिक विभूति मार्गदर्शन कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अंदर दो दिव्यांग विश्वविद्यालय है। हमारे राज्य के अंदर अलग—अलग क्षेत्रों में कालेज संचालित हैं लेकिन इनकी संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है।
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योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले प्रदेश में सात से 08 लाख दिव्यांगों को ही पेंशन मिलती थी। आधा पैसा बाबू खा जाता था। अब लाभार्थी के खाते में पैसा भेजा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 11 लाख दिव्यांग जन 12 हजार रूपये प्रतिवर्ष पा रहे हैं। इसके अलावा तमाम प्रकार के कार्यक्रम प्रदेश में संचालित हो रहे हैं। दिव्यांगों को 04 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था भी राष्ट्रीय सेवाओं में की गयी है। दुकान खोलने के लिए भी राशि उपलब्ध करायी जाती है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कृत्रिम अंग वितरण के भी कार्यक्रम शुरू किये गये हैं। मूकबधिर बच्चों की सर्जरी के लिए अनुदान की व्यवस्था है। परिवहन निगम की बसों में नि:शुल्क यात्रा के लिए 40 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गयी है। राज्य सरकार आज दो विश्वविद्यालय संचालित कर रही है
एक शकुंतला देवी विश्विद्यालय लखनऊ दूसरा राम भद्राचार्य विवि चित्रकूट,इनकी संख्या बढ़ाने की जरूरत है जिससे इनको और बढ़ावा मिले।
दिव्यांग जन के लिए 4% राजकीय सेवाओं आरक्षण की भी व्यवस्था की गई है, हमारे यहां दिव्यांग आईएएस भी व्यवस्था में हैं। प्रदेश सरकार दिव्यांग जन के लिए बहुत सारे अन्य कार्य भी हो रहे हैं,कृत्रिम अंग भी वितरित हो रहे है, ट्राईसाईकिल वगैरह सरकारी भवनों में रैंप की भी व्यवस्था की गई है। इस अवसर पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री नरेंद्र कश्यप ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।