लखनऊ- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार अटल आवासीय विद्यालय की तर्ज पर 57 जिलों में विद्यालय खोलेगी।
मोहनलालगंज स्थित अटल आवासीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में श्री योगी ने एक साथ प्रदेश के सभी 18 अटल आवासीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2024-25 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि अभी तो हमने 18 विद्यालय प्रारंभ किए हैं, जबकि दूसरे चरण में 57 जिलों में कंपोजिट विद्यालय के रूप में भी ऐसे ही विद्यालय खोलने जा रहे हैं। वहीं, तीसरे चरण में इसे प्रदेश की सभी 350 तहसीलों में लेकर जाएंगे तो चौथे चरण में 825 विकास खंड में इस तरह के विद्यालयों की स्थापना होगी।
यही नहीं, उन्होंने कहा कि पांचवें चरण में इसे हम न्याय पंचायत स्तर पर लेकर जाएंगे। इसका मतलब 2000 ऐसे विद्यालय प्रदेश के अंदर दिखाई देंगे जो बच्चों को उत्तम शिक्षा देने का माध्यम बनेंगे। उन्होंने कहा कि अगले चरण में जो 57 विद्यालय बनेंगे उनमें पहली क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चे अध्ययन करेंगे। इनमें बाल वाटिका भी बनाई जाएगी। इससे पूर्व योगी ने कक्षा 6 और कक्षा 9 में प्रवेश पाने वाले बच्चों को स्कूल बैग एवं पाठ्य पुस्तकें प्रदान कीं और शैक्षणिक सत्र 2023-24 में कक्षा 6 में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले छात्रों को पुरस्कार और सर्टिफिकेट वितरित किया। इसके अतिरिक्त विज्ञान रत्न और खेलकूद व अन्य गतिविधियों में अग्रणी छात्रों को भी पुरस्कार प्रदान किया।
योगी ने कहा “ श्रद्धेय अटल जी कहते थे कि जो समाज अशिक्षा और अभाव का सफलतापूर्वक मुकाबला कर ले उसको सुरक्षित और समृद्ध होने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती। ये अभाव और अशिक्षा समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं। अभाव आता है गरीबी से, अकर्मण्यता से, अराजकता से, भ्रष्टाचार से, आपसी बंटवारा से और जहां भी भ्रष्टाचार होगा, अराजकता होगी, अभाव होगा, वहां पर जंगलराज भी होगा, अव्यवस्था होगी, असुरक्षित माहौल होगा, किसी का सम्मान नहीं होगा।
वहीं, जब समाज को सही दिशा में नेतृत्व न मिले तो अशिक्षा जैसी बीमारियां तेजी के साथ फैलती हैं और समाज का बड़ा हिस्सा इसकी चपेट में आता है। ऐसे में गरीबी, भुखमरी, अभाव ये सारी विकृतियां समाज में देखने को मिलती हैं। श्रद्धेय अटल जी को एक व्यापक जीवन का अनुभव था और उस अनुभव को उन्होंने अपने शब्दों से, अपने काव्यों के माध्यम से और जब सरकार में आने का अवसर प्राप्त हुआ तो इन बुराइयों से लड़ने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना जमीनी धरातल पर उतारने का कार्य किया था। ”
उन्होने कहा कि व्यक्ति हो या समाज, उसे सुशिक्षित किए बगैर आप सभ्य और समर्थ समाज और राष्ट्र की कल्पना नहीं कर सकते। अटल आवासीय विद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता का मानक बने। बिना भेदभाव के समाज के हर तबके के बच्चे को उसकी जाति, चेहरा, क्षेत्र और भाषा पूछे बगैर देश, समाज, सरकार के संसाधनों पर अधिकार मिलना चाहिए। इसी अधिकार का अहसास दिलाने के लिए अटल आवासीय विद्यालय को शिक्षा के एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया है। सीएम ने कहा कि अभी औपचारिक रूप से एक क्लास रूम में बच्चों के साथ इंटरैक्शन का अवसर मिला।
प्रतिभा जाति, मत और मजहब की बंधक नहीं होती। प्रतिभा कहीं भी पैदा हो सकती है, उसको सिर्फ एक मंच देना है। उसके लिए उचित अवसर उपलब्ध करवाना है और यही सरकार का दायित्व होना चाहिए। समाजवादी पार्टी (सपा) का नाम लिये बगैर उन्होने कहा कि बंटवारे की राजनीति करने वाले और जाति के नाम पर लड़ाने वाले समाज में सामाजिक न्याय के नाम पर सामाजिक वैमनश्यता पैदा कर देश के दुश्मनो को प्रोत्साहित करने वाले लोग गरीबी के दंश को क्या झेल पाएंगे, क्या समझ पाएंगे।
जिन लोगों ने हमेशा शोषण किया, अराजकता फैलाई, कभी गरीबी नहीं देखी, उनसे उम्मीद करना कि वो बीओसी बोर्ड से जुड़े हुए रजिस्टर्ड श्रमिक या इन निराश्रित बच्चों जिन्होंने कोविड कालखंड में अपने माता-पिता या अभिभावक को खोया है, उनकी पीड़ा को समझ पाएंगे। उन लोगों के पास उसे समझने के लिए न समय है, न फुर्सत है, क्योंकि उनके अपने ऐजेंडे हैं। उनका एकमात्र एजेंडा और ध्येय राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोगों को बांटना है। इसके अलावा उनको कुछ भी नहीं दिखाई देता।
उन्होने कहा “ ये चाहते हैं कि एक गरीब कभी गरीबी, अभाव और अशिक्षा से मुक्त न होने पाए। अगर हो जाएगा तो इनके बंटवारे और सामाजिक वैमनश्यता की राजनीति पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। इसलिए येन केन प्रकारेण ये लोग समाज को विभाजन की कगार पर पहुंचाना चाहते हैं। यही कारण है कि सरकारें पहले भी थीं, पैसा पहले भी था, लेकिन गरीबों के बच्चों के लिए शिक्षा का प्रबंध नहीं किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में जो लोग अराजकता पैदा करना चाहते हैं, अव्यवस्था पैदा करना चाहते हैं, माफियागीरी करना चाहते हैं उनकी चूलों को हिलाने के लिए अटल आवासीय विद्यालय एक मॉडल के रूप में स्थापित हो रहा है। ”
योगी ने आगामी कार्ययोजना को लेकर कहा कि प्रदेश के हर गरीब बच्चे को, हर वंचित के बच्चे को बिना भेदभाव शिक्षा प्राप्त हो सके इसके लिए अगले सत्र में हमने बेसिक शिक्षा परिषद को 57 जनपदों में विद्यालयों की स्थापना हेतु पैसा दे दिया है। 57 जनपदों में ऐसे विद्यालय खुलने जा रहे हैं। सीएम कंपोजिट विद्यालय के रूप में हम उन्हें स्थापित करने जा रहे हैं और तीसरे चरण में इसे हम सभी तहसीलों में लेकर के जाएंगे। प्रदेश में 350 तहसील हैं , उनमें एक-एक विद्यालय बनेगा। चौथे चरण में 825 विकास खंड में इस तरह के विद्यालय बनेंगे। 825 विकास खंडों में इस तरह के विद्यालय बनेंगे तो किसी भी गरीब का बच्चा अच्छी और उत्तम शिक्षा से वंचित नहीं रहने पाएगा।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, राज्यमंत्री मनोहर लाल (मन्नू कोरी), लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य रामचंद्र प्रधान, इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह, लाल जी प्रसाद निर्मल, विधायक जया देवी, अमरेश कुमार, ओपी श्रीवास्तव, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन अनिल कुमार उपस्थित रहे।