Thursday, July 4, 2024

15 जुलाई तक सड़कों को शत-प्रतिशत करें गड्ढा मुक्त : सीएम योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की और निर्माण कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 50 वर्ष से अधिक पुराने सेतुओं का निरीक्षण कराएं, सुरक्षित न हो तो तत्काल यातायात बंद कराएं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सात वर्षों में प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। वर्ष 2017 के सापेक्ष 2024 में स्टेट हाइवे 7,002 किमी से बढ़कर 10,214 किमी हो गया है, जबकि ग्रामीण मार्गों की लंबाई 1,87,517 किमी से बढ़कर 1,93,581 किमी हो गई है। इसी प्रकार, प्रमुख जिला मार्गों और अन्य मार्गों में भी विस्तार हुआ है। आज प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 9 किमी मार्गों का चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण हो रहा है और हर दिन गांवों में लगभग 11 किमी नई सड़क बन रही है। विकास के लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रदेश में सड़क निर्माण की यह गति अभूतपूर्व है।

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इसे और बेहतर करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 50 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले प्रदेश के सभी सेतुओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण कराया जाए। उनके सुपर स्ट्रक्चर, पिलर की स्थिति, सेतुओं के वाटर-वे में ब्लाकेज, पिलर के साइड में स्कावर होल, सेतु के एबटमेंट ढाल एवं बोल्डर का परीक्षण कराया जाना चाहिए। निरीक्षण के समय कोई सेतु असुरक्षित नज़र आता हो, तो तत्काल उसे यातायात के लिए बंद किया जाए। स्थानीय जिला प्रशासन को इसकी सूचना दें।

सीएम योगी ने कहा कि आगामी कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत जनपदों में इनसे जुड़े मार्गों को शत-प्रतिशत गड्ढा मुक्त किया जाए। 15 जुलाई तक यह कार्य पूरा करा लिया जाए। ऐसे मार्ग, जहां जलभराव होता है, उन स्थानों पर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। ब्लॉक मुख्यालयों को टू-लेन सड़क की कनेक्टिविटी देने का संकल्प समय से पूरा होना चाहिए। यह संतोषप्रद है कि कुल 165 में से 143 मार्गों का निर्माण पूरा हो गया है, यथाशीघ्र शेष कार्यों को भी पूरा कर लिया जाए। अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पड़ने वाले मार्गों पर भव्य द्वार बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराएं। जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, तत्काल स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।

उन्होंने कहा कि यह सराहनीय है कि देश में सर्वप्रथम यूपी पीडब्ल्यूडी द्वारा एफडीआर निर्माण तकनीक का प्रयोग किया गया। जनपद उन्नाव में एफडीआर का कार्य पुराने मार्ग को रीसाइकिल कर सीमेंटेड बेस एवं कानपुर देहात में एडिटिव का प्रयोग कर निर्माण कार्य कराया गया। मार्ग पर वर्तमान पीसीयू पर प्रतिवर्ष होने वाली बढ़ोत्तरी को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में विभिन्न श्रेणी के मार्गों के चौड़ीकरण के मानकों को और बेहतर किया जाना चाहिए। विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले। यह संतोषजनक है कि राज्य सेतु निगम द्वारा विगत 7 वर्षों में 270 नदी सेतु, 115 आरओबी, 10 फ्लाईओवर सहित जनहित से जुड़ी 395 परियोजनाओं को पूरा किया गया है।

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