Wednesday, April 24, 2024

सीएम योगी का बड़ा फैसला, यूपी में स्थापित होगा फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट

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लखनऊ। फार्मा सेक्टर में शोध-अनुसंधान को प्रोत्साहित करने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में जल्द ही फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट की स्थापना की जायेगी।

श्री योगी ने एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में फार्मस्युटिकल सेक्टर के विकास की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होने कहा कि फार्मा मैन्युफैक्चरिंग इकाइयों की संख्या में उत्तर प्रदेश देश का छठा सबसे बड़ा राज्य है, अब हमारा लक्ष्य देश में अग्रणी राज्य बनने का है। इसी प्रकार देश में फार्मा मैन्युफैक्चरिंग में अभी हमारा योगदान दो प्रतिशत का है जिसे 10-12 फीसदी तक पहुंचाने की आवश्यकता है। फार्मास्युटिकल सेक्टर में विकास बड़ी संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश को इन संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए। दवा निर्माण के साथ-साथ हमें शोध-अनुसंधान पर भी फोकस करना होगा।

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उन्होने कहा कि प्रदेश में आईआईटीआर, सीडीआरआई, सीमैप और एनबीआरआई जैसे उच्चस्तरीय शोध संस्थान क्रियाशील हैं। जबकि एसजीपीजीआई, केजीएमयू जैसे अकादमिक संस्थान भी हैं। नियोजित प्रयासों से बीते कुछ वर्षों में लखनऊ बायोफार्मा हब के रूप में उभर कर आया है। फार्मास्युटिकल सेक्टर के लिए एकेटीयू व अन्य प्राविधिक शिक्षण संस्थान मानव संसाधन उपलब्ध कराने में सक्षम हैं। प्रदेश में फार्मा पार्क निर्माण की कार्यवाही चल रही है तो मेडिकल डिवाइस पार्क का भी निर्माण किया जाना है। इस संसाधनों का बेहतर लाभ उठाना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दवा उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए हमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थानों, रिसर्च लैब और इंडस्ट्री, तीनों क्षेत्रों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे में फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीच्यूट की स्थापना की जानी चाहिए। यह संस्थान मूलतः शोध और नवाचार पर केंद्रित होगा, साथ ही सेक्टर से संबधित अन्य संस्थानों व इंडस्ट्री के बीच सेतु का काम करेगा।

श्री योगी ने अधिकारियों से कहा कि वे फार्मास्युटिकल रिसर्च एंड इनोवेशन इंस्टीच्यूट के स्वरूप के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें। सेक्टर विशेषज्ञों का पैनल तैयार करें। फार्मास्युटिकल सेक्टर की भविष्य की जरूरतों का आकलन करें और दुनिया भर के बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन करते हुए आगामी 15 दिनों में विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करें। राजधानी लखनऊ में इसके लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित की जाए। यह संस्थान राष्ट्रीय फलक पर उत्तर प्रदेश को फार्मास्युटिकल शोध-अनुसंधान और मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने वाला होगा।

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