नई दिल्ली। देश में चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों अप्रैल-अक्टूबर में कोयला आधारित बिजली उत्पादन में पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3.87 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि आयात पर निर्भरता को कम करते हुए कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के चल रहे प्रयासों को रेखांकित करती है।
कोयला मंत्रालय की तरफ से बुधवार को बताया गया कि इस साल अप्रैल से अक्टूबर तक कोयला आधारित बिजली उत्पादन में पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3.87 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है। इसी अवधि के दौरान ताप विद्युत संयंत्रों द्वारा मिश्रण के लिए आयात में 19.5 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है। यह गिरावट कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने और आयात पर निर्भरता को कम करने की देश की प्रतिबद्धता पर जोर देती है।
मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान कोयले का आयात 3.1 फीसदी घटकर 14.93 करोड़ टन रह गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 15.41 करोड़ टन था। इसके अतिरिक्त, गैर-विनियमित क्षेत्र (बिजली के अलावा) में अप्रैल-अक्टूबर के दौरान पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 8.8 फीसदी की गिरावट देखी गई।
बिजली क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में बढ़ोतरी का श्रेय आयातित कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों (केवल आयातित कोयले का उपयोग करने के लिए डिजायन) द्वारा कोयले के आयात को दिया जाता है। इस अवधि के दौरान तीन करोड़ टन कोयले का आयात हुआ, जो पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि के दौरान 2.17 करोड़ टन से 38.4 फीसदी अधिक है।