नयी दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर भाजपा के खिलाफ संविधान बदलने की झूठी अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि बाबा साहब डाॅ. भीमराव अंबेडकर के संविधान में सबसे ज्यादा परिवर्तन कांग्रेस ने किये तथा दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के आरक्षण को नुकसान पहुंचाया है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद बृजलाल ने यहां पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस द्वारा भाजपा के खिलाफ झूठे अफवाह फ़ैलाने के मामले का पर्दाफाश करते हुए कहा कि कांग्रेस ने संविधान में सबसे ज्यादा बदलाव किया है और अब वही भाजपा के खिलाफ संविधान बदलने की झूठी अफवाह फैला रही है।
श्री बृजलाल ने कहा कि कांग्रेस देश की जनता के बीच एक झूठा नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि भाजपा एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म कर देगी। कांग्रेस भीम-भीम की बात तो करती है लेकिन इनके दिल में केवल मीम-मीम है। कांग्रेस सदैव आरक्षण, संविधान और एससी-एसटी विरोधी रही है।
उन्होंने कहा कि 1961 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में कहा था कि उन्हें आरक्षण पसंद नहीं है। हाल ही में, कर्नाटक सरकार ने ओबीसी आरक्षण छीनकर वर्ग विशेष को दे दिया है। बाबा साहब (डॉ. भीम राव अम्बेडकर) ने कहीं भी धर्म आधारित आरक्षण नहीं दिया था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने अविभाजित आंध्र प्रदेश में ओबीसी कोटे में आरक्षण कम कर वर्ग विशेष को धर्म के आधार पर आरक्षण दिया था। इसके अलावा, कांग्रेस द्वारा गठित रंगनाथ मिश्रा आयोग ने अपनी रिपोर्ट में दलित आरक्षण में से वर्ग विशेष को आरक्षण देने की सिफारिश की थी। कांग्रेस का धार्मिक आधार पर आरक्षण देना पूरी तरह से संविधान विरोधी है।
भाजपा सांसद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने से सबसे ज्यादा फायदा कश्मीर के दलित, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय को हुआ है। श्री बृजलाल ने एक प्रकरण का उल्लेख करते हुए बताया कि 1958 में पंजाब से कश्मीर गए एक सफाई कर्मी परिवार की चौथी पीढ़ी के बेटे को पीएचडी करने के बाद भी धारा 370 के कारण नौकरी नहीं मिली। अब कांग्रेस सत्ता में आने पर पुनः 370 लागू करने की बात करती है, इसीलिए कांग्रेस सबसे बड़ी संविधान विरोधी है। बाबा साहब धारा 370 लगाना नहीं चाहते थे, लेकिन पंडित जवाहर लाल नेहरू ने जबरन धारा 370 लागू करवाई थी।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मामले में कांग्रेस के भेदभाव का उल्लेख करते हुए श्री लाल ने कहा कि कांग्रेस के तुष्टीकरण के कारण आज तक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एससी, एसटी और ओबीसी का संवैधानिक आरक्षण लागू नहीं हुआ। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में इस नियम के साथ और छेड़छाड़ की थी लेकिन 2005-06 में इलाहाबाद न्यायालय की खंडपीठ ने इसे खारिज कर दिया था और अब कांग्रेस अपने इस भेदभाव को सही ठहराने के लिए उच्चतम न्यायालय गई है। विडंबना यह है कि ओबीसी की राजनीति करने वाले अखिलेश यादव, लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने इसका कभी विरोध नहीं किया है। कांग्रेस ने बाबा साहब का सबसे ज्यादा अपमान किया है और उन्हें भारत रत्न तक से सम्मानित नहीं किया। वर्ष 1990 में भाजपा सरकार ने बाबा साहब को भारत रत्न से सम्मानित किया था। अब कांग्रेस नेता “विरासत टैक्स” लगाकर जनता की 55 प्रतिशत संपत्ति हड़पने की बात कर रही है।
श्री लाल ने बताया कि भाजपा के खिलाफ कांग्रेस संविधान में बदलाव का झूठा नैरेटिव फैला रही है, लेकिन संविधान में सबसे ज्यादा परिवर्तन तो स्वयं कांग्रेस पार्टी ने ही किए हैं। श्री राजीव गांधी ने कहा था कि यदि जरूरत पड़ी तो हम संविधान बदलेंगें और इसके बाद भी ये लोग कहते हैं कि भाजपा संविधान बदल देगी। वर्ष 1975 में कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल लगाकर संविधान का क्या हाल किया गया था वो किसी से भी छिपा नहीं है।
भाजपा नेता ने कांग्रेस से सवाल पूछे कि क्या धर्म के आधार पर आरक्षण देना एससी, एसटी और ओबीसी के अधिकारों का हनन नहीं है? कांग्रेस ने एससी, एसटी और पिछड़ों के आरक्षण को नुकसान पहुंचाया है और उसका उदाहरण कर्नाटक और आंध्र प्रदेश है। कांग्रेस नेताओं ने बाबा साहब को दो बार चुनाव हरवाया, बाबा साहब को अपमानित करते रहे और संविधान बनाने में उनकी भूमिका को भी नकारते रहे हैं। उन्होंने कहा, “ मैं दलित समाज से हूं और दलित समाज के लोग कहते हैं कि वैसे तो कांग्रेस सत्ता में आएगी नहीं, लेकिन कांग्रेस और इंडिया समूह सत्ता में आ गये तो एससी,एसटी और ओबीसी का आरक्षण हड़प कर धार्मिक आधार पर मुसलमानों को दे देंगे।” बाबा साहब कभी भी धार्मिक आधार पर आरक्षण नहीं चाहते थे। श्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बाबा साहब अम्बेडकर द्वारा दिया गया आरक्षण हमेशा रहेगा और इसको कोई भी बदल नहीं सकता।
भाजपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस दलितों में संविधान के बदले जाने का भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन सच यह है कि यदि कोई पार्टी संविधान की सबसे बड़ी रक्षक है तो वो भाजपा है। श्री लाल ने पुराने समय का जिक्र करते हुए कहा कि जब हम सभी सांसद पुराने संसद भवन से नए संसद भवन की ओर बढ़ रहे थे, तब आगे-आगे प्रधानमंत्री श्री मोदी हाथ में संविधान लेकर चल रहे थे और पीछे-पीछे हम लोग जब नए संसद भवन में पहुंचे, तो उस समय न तो कोई कांग्रेस सांसद थे, न तृणमूल कांग्रेस सांसद थे और न ही इंडिया समूह के एक भी नेता थे। कांग्रेस और इंडिया समूह के सभी घटक पार्टियां संविधान विरोधी, दलित विरोधी, आरक्षण विरोधी और बाबा साहब के विरोधी हैं, लेकिन भाजपा कभी भी ऐसा होने नहीं देगी। दलित होने के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी और उनकी पार्टी जनता को भ्रमित कर रही है।