Thursday, January 23, 2025

कांग्रेस ने चुनावी बांड को बताया ‘चंदा दो, धंधा लो’ की नीति

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार के चुनावी बांड जारी करने के निर्णय को लूट की नीति करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि यह उसकी भारतीय जनता पार्टी( भाजपा) का खजाना भरने के लिए पैसा जुटाने की ‘चंदा दो धंधा लो’ की नीति साबित हुई है।

 

कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने चुनाव आयोग के राजनीतिक दलों को चुनावी बांड से मिले चन्दे की सूची सार्वजनिक करने पर प्रतिक्रिया में आज कहा कि सरकार की चुनावी बांड नीति से साफ हो गया है कि उसने उन्हीं कंपनियों और व्यक्तियों को काम दिया है जिन्होंने भाजपा को चुनावी बॉन्ड्स के मध्यम से चंदा दिया।

 

उन्होंने कहा, “इलेक्टोरल बांड से जुड़ी जानकारी सामने आने के बाद यह पहला विश्लेषण है जिसे एसबीआई ने चुनाव के बाद तक स्थगित करने के कई हफ़्तों के प्रयास के बाद कल रात सार्वजनिक कर दिया। इसमें 1,300 से अधिक कंपनियों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बांड के रूप में दान दिया है जिसमें 2019 के बाद से भाजपा को 6, 000 करोड़ से अधिक का दान शामिल है। इलेक्टोरल बांड का अब तक का मिला डेटा भाजपा की कम से कम चार भ्रष्ट नीति को सामने लाता है।”

 

प्रवक्ता ने कहा, ” पहला है चंदा दो, धंधा लो। ऐसी कई कंपनियों के मामले हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बांड दान किया है और इसके तुरंत बाद सरकार से भारी लाभ प्राप्त किया है। इनमे मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने 800 करोड़ रुपए से अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड में दिए हैं। अप्रैल 2023 में, उन्होंने 140 करोड़ डोनेट किया और ठीक एक महीने बाद उसे 14,400 करोड़ रुपए की ठाणे बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया। दूसरा जिंदल स्टील एंड पावर ने 7 अक्टूबर 2022 को इलेक्टोरल बॉन्ड में 25 करोड़ रुपए दिए और सिर्फ़ तीन दिन बाद वह 10 अक्टूबर 2022 को गारे पाल्मा 4/6 कोयला खदान हासिल करने में कामयाब हो गया।”

 

उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड को हफ्ता वसूली जैसा कदम करार दिया और कहा, “भाजपा की हफ्ता वसूली नीति बेहद सरल है – ईडी, सीबीआई, आईटी के माध्यम से किसी कंपनी पर छापा मारो और फ़िर कंपनी की सुरक्षा के लिए हफ़्ता “दान” मांगो। शीर्ष 30 चंदादाताओं में से कम से कम 14 पर छापे मारे गए हैं। इस साल की शुरुआत में एक जांच में पाया गया कि ईडी, सीबीआई, आईटी छापे के बाद कंपनियों को चुनावी ट्रस्टों के माध्यम से भाजपा को दान देने के लिए मजबूर किया गया था। हेटेरो फार्मा और यशोदा अस्पताल जैसी कई कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से चंदा दिया है।”

 

रमेश ने कहा,”इनकम टैक्स विभाग ने गत दिसंबर में शिरडी साईं इलेक्ट्रिकल्स पर छापा मारा और जनवरी में उन्होंने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से 40 करोड़ का दान दिया। फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स ने 1200 करोड़ रुपए से अधिक का दान दिया है जो इसे अब तक के आंकड़ों में सबसे बड़ा दान है। इसकी क्रोनोलॉजी है कि दो अप्रैल 2022 को ईडी ने फ्यूचर पर छापा मारा और पांच दिन बाद सात अप्रैल को इलेक्टोरल बॉन्ड में उसने 100 करोड़ रुपए का दान दिया। अक्टूबर 2023 में आईटी विभाग ने फ्यूचर पर छापा मारा और उसी महीने उन्होंने इलेक्टोरल‌ बॉन्ड में 65 करोड़ रुपए का दान दिया।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,735FansLike
5,484FollowersFollow
140,071SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय

error: Content is protected !!