नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए एक घटना का जिक्र किया, जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कर्पूरी ठाकुर, जिन्हें जननायक के नाम से जाना जाता था, को बिहार में कांग्रेस और अन्य दलों द्वारा अपमानित किया गया था।
पीएम मोदी ने कांग्रेस और पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर पिछड़े समुदाय के साथ अन्याय करने का भी आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता सरकार में ओबीसी की संख्या गिनाते रहते हैं, लेकिन उन्हें सबसे बड़ा ओबीसी नेता नजर नहीं आता।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पिछली यूपीए सरकार ने ओबीसी के साथ अन्याय किया था।
कर्पूरी ठाकुर का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछड़े समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता को मरणोपरांत भारत रत्न देकर सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस से राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) में ओबीसी नेताओं या अधिकारियों की मौजूदगी के बारे में पूछा, क्योंकि उन्होंने एनएसी को एक अतिरिक्त संवैधानिक निकाय कहा था। उन्होंने यह भी कहा कि एनएसी पर सरकार का कोई अधिकार नहीं है।
इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि 1970 में सरकार को अस्थिर करने के लिए कर्पूरी ठाकुर को मुख्यमंत्री पद से हटाने की कोशिश की गई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस किसी ‘पिछड़े’ व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं कर सकती।
राजनीतिक विश्लेषक और शोधकर्ता सज्जन कुमार सिंह ने कहा कि जैसा कि 1968 में हुआ था, जब कर्पूरी ठाकुर को कांग्रेस और बी.पी. मंडल ने सत्ता से बेदखल कर दिया था। 12 अगस्त 1987 को कांग्रेस और उनकी ही पार्टी के मंडल समर्थकों ने कर्पूरी को बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से हटा दिया था।
छह महीने बाद 17 फरवरी, 1988 को कर्पूरी ठाकुर का निधन हो गया।