नई दिल्ली। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के ‘बिहार चुनाव के बाद तहव्वुर राणा को फांसी होगी’ वाले बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने पलटवार किया। उन्होंने संजय राउत पर शहीदों का अपमान करने का आरोप लगाया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, “संजय राउत किस तरह की भाषा बोल रहे हैं? मैं पूछना चाहता हूं कि संजय राउत का बयान शिवसेना (यूबीटी) का है या लश्कर-ए-तैयबा का। लश्कर-ए-तैयबा, पाकिस्तानियों और आतंकियों को दर्द हो रहा है।
मगर, संजय को दर्द क्यों हो रहा है? वह खुद को मुंबईकर कहते हैं। 26/11 को मुंबई पर हमला हुआ, उस हमले में हमारे कई लोग शहीद हुए और संजय राउत उनकी शहादत का अपमान कर रहे हैं। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह देश का मुद्दा है।” उन्होंने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ जंग में तहव्वुर राणा को अमेरिका से घसीटकर लाया गया है। पूरे देश में आतंकवाद के खिलाफ खड़े लोग इसका जश्न मना रहे हैं, लेकिन संजय राउत मातम मना रहे हैं और कह रहे हैं कि तहव्वुर राणा को बिहार में चुनाव के लिए लाया गया है। अगर कभी भी तहव्वुर राणा को फांसी होगी तो पूरा देश खुश होगा, लेकिन इसे बिहार चुनाव से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है।”
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शाहनवाज हुसैन ने आगे कहा, “पृथ्वीराज चव्हाण हों या फिर कन्हैया कुमार, कांग्रेस के लोगों की जुबान किस तरह की है। तहव्वुर राणा एक आतंकी है और 26/11 का मास्टरमाइंड भी है। उसने रेकी की थी और आज उसे भारत लाया गया है। उसके आने के बाद पाकिस्तान के कई राज खुलेंगे और पाकिस्तान पूरी दुनिया में एक्सपोज होगा। ये हमारे लिए बड़ी सफलता है और इस पर भी कांग्रेसियों को दिक्कत हो रही है।” शाहनवाज हुसैन ने वक्फ कानून पर कहा, “वक्फ संशोधन कानून गरीब मुसलमानों के हितों को ध्यान में रखते हुए लाया गया है।
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मोदी सरकार ने अच्छे इरादे से इस विधेयक को पेश किया है। हालांकि, इसके बारे में गलत सूचना फैलाई जा रही है। जिस तरह सीएए पर पूरे देश में आंदोलन चलाया गया और कहा गया कि यह बिल मुसलमानों की नागरिकता ले लेगा। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या एक भी नागरिक की नागरिकता गई। उसी तरह वक्फ कानून पर टीएमसी, कांग्रेस और राजद मुस्लिमों को गुमराह कर रही है। इस तरह की भाषा उनको नहीं बोलनी चाहिए और जानबूझकर इस पर हंगामा किया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “जम्मू कश्मीर के अंदर मीर फारूक कहते हैं कि इसके बारे में हर मस्जिद में बताया जाए। मस्जिद सियासत की जगह नहीं है बल्कि इबादत की जगह है, इसलिए बंगाल हो या कश्मीर या देश के अन्य जगहों पर रहने वाले मुस्लिम भाइयों से अपील है कि वे किसी के बहकावे में न आएं। ये उनके हित में हैं।”