नई जेनरेशन को टीवी के बिना जिंदगी अधूरी लगती है। अब हर घर में हर कमरे में टीवी उपलब्ध हैं। कई बच्चे तो टीवी देखे बिना खाना ही नहीं खाते। बच्चों और बुजुर्गों के लिए टीवी के आगे घंटों बिताना अब आम बात है। हमें यह सोचना जरूरी है कि हमारे इस शौक का सेहत पर कितना नकरात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
बढ़ रही है घर-परिवार में दूरी:-
हम टीवी में इतने मस्त रहते हैं कि हमें अपने आस-पास वालों की होश नहीं होती। हम अपने घर-परिवार और दोस्तों के लिए समय ही नहीं निकाल पाते। कुछ लोग तो टीवी के कैरेक्टर्स से ही अपनी जिंदगी जोड़ लेते हैं। इससे घर-परिवार और दोस्तों से टकराव और दूरी बढ़ती जाती है।
आक्रामक व्यवहार के शिकार:-
विशेषकर बच्चे कुछ ऐसे शो और फिल्में देखते हैं जिनसे वे मार-पीट, लडऩा या पलट कर अपने से बड़ों को जवाब देना सीख जाते हैं। ऐसे में बच्चा आक्र ामक होता चला जाता है और उनमें व्यवहारगत परेशानियां विकसित होने लगती है।। माता-पिता को बच्चों के साथ में बैठकर टीवी देखना चाहिए नहीं तो उनकी अनुपस्थिति में उन्हें पता होना चाहिए कि उनका बच्चा क्या देखता है। अगर जरूरत पड़े तो टीवी पर चाइल्ड लॉेक का प्रयोग कर सकते हैं।
बढ़ता है आंखों पर तनाव:-
लगातार टीवी देखने से आपकी आंखों में तनाव बढ़ता है। विशेषकर अंधेरेे कमरे में टीवी से आंखों पर ज्यादा दबाव पड़ता है। लंबे समय तक ऐसा करने से आंखें खराब हो जाती हैं और बच्चे कम से कम उम्र में ही चश्मा लगाने लगते हैं।
नींद न पूरी होना:-
टीवी से निकलने वाली रोशनी हमारी प्राकृतिक बॉडी क्लाक को बाधित करती है। टीवी से निकलने वाली किरणों से मेलाबोनिन नाम के ब्रेन हार्मोन का न्नव भी कम हो जाता है। ऐसे में हमें हर वक्त थकान महसूस होती है और एकाग्रता में भी कमी आती है।
दिल की बीमारी का खतरा:-
बहुत ज्यादा टीवी देखने से शारीरिक सक्रि यता कम हो जाती है जिससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में दिल से जुड़ी बीमारियों के साथ ही कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। हमें एक ही जगह बैठा नहीं रहना चाहिए।
मोटापे का खतरा:-
आमतौर पर यह देखा गया है कि टीवी देखते समय हमें अपने खान-पान पर काबू नहीं रहता। फिर भूख लगने पर ऐसी चीजें खाते हैं जो हमारी सेहत के लिए अच्छी नहीं होती। परिणामस्वरूप हम मोटापे जैसी बीमरियों को आमंत्रण दे बैठते हैं। साथ में यह भी नहीं जान पाते कि हमने कितना खा लिया है। बस मजे के साथ खाते जाते हैं जब तक चीज खत्म न हो जाए।
बढ़ता है डायबिटिज का खतरा:-
रिसर्च के मुताबिक दिन में दो घंटे से ज्यादा टीवी देखने से डायबिटिज होने का खतरा 14 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। टीवी देखते समय हम अपने खान-पान पर ध्यान नहीं रख पाते जिसके कारण हम आलसी बन जाते हैं और अपनी सक्रि य जीवनशैली को भूलकर बस टीवी देखते रहते हैं। असक्रि य जीवनशैली हमें डायबिटिज जैसे रोग दे देती है और उम्र्र भर हम उन बीमारियों की गिरफ्त से निकल नहीं पाते।
एकाग्रता की कमी:-
ज्यादा टीवी देखने का असर बच्चों के मानसिक विकास पर पड़ सकता है। टीवी की आवाज के साथ चित्रों में लगातार बदलाव का असर बच्चों के न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पर पड़ सकता है। इससे बच्चों को ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है।
-शिवांगी झाँब