नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार चुनाव से पहले पार्टी को आर्थिक तौर पर पंगु बनाना चाहती है। पार्टी का दावा है कि मोदी सरकार और आयकर अधिकारियों ने कांग्रेस के बैंक खातों से 65.8 करोड़ रुपए चोरी किए।
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने पार्टी महासचिवों जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल के साथ आज पत्रकार वार्ता कर कई गंभीर आरोप लगाये। पूरे मामले की जानकारी देते हुए माकन ने कहा कि कांग्रेस को 2018-19 में 142.83 करोड़ रुपये का चंदा मिला था। इसमें से सिर्फ 14.49 लाख रुपये हमारे विधायकों और सांसदों की एक महीने की सैलरी से मिले थे। 14 लाख रुपये कैश में आने की वजह से हमारे ऊपर 210 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगा दी गई। हमें 31 दिसंबर तक अपने खातों की जानकारी आयकर विभाग को देनी थी। हमने 2 फरवरी 2019 को यह जानकारी दी। ऐसे में सारे पैसे पर यह पेनल्टी लगाई गई। ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ। मामले में 5 साल बाद सरकार और आयकर विभाग जागा है और वे भी तब जब चुनाव सिर पर हैं। ये कहां का न्याय है? ये कांग्रेस पार्टी को आर्थिक रूप से तोड़ने की कोशिश है ताकि हमलोग चुनाव न लड़ पाएं। अगर हमारे खाते फ्रीज हो जाएंगे तो हम चुनाव कैसे लड़ेंगे, प्रचार कैसे करेंगे?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नोटबंदी कर दी गई थी। मोदी सरकार चाहती थी कि पार्टियां चुनाव न लड़ पाएं। ठीक उसी तरह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों पर ‘कर हमला’ किया गया है। इसका एक ही मकसद है- कांग्रेस पार्टी को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया जाए और हम चुनाव न लड़ पाएं।