विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाई.एस. शर्मिला रेड्डी ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस 1 मार्च को तिरुपति में होने वाली सार्वजनिक बैठक में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने का ऐलान करेगी।
शर्मिला रेड्डी ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, ”विशेष श्रेणी का दर्जा (एससीएस) राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। कांग्रेस तिरुपति में उसी स्थान पर घोषणा करेगी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि राज्य को एससीएस दिया जाएगा।
शर्मिला रेड्डी ने याद दिलाया कि 2014 में जब कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश को पांच साल के लिए एससीएस देने का वादा किया था, तो भाजपा ने वादा किया था कि वह 10 साल के लिए एससीएस देगी।
लोगों को बताया जाएगा कि एससीएस से राज्य को क्या लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, ”राज्य में 972 किलोमीटर लंबा समुद्री किनारा है। कल्पना कीजिए कि विशेष श्रेणी का दर्जा मिलने पर राज्य में कितने नए उद्योग आएंगे, लेकिन राज्य को 10 नए उद्योग भी नहीं मिले।”
राज्य में हर कोई एससीएस के महत्व को जानता है, लेकिन मुख्य राजनीतिक दल इस पर चुप हैं। 2019 में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने चुनाव प्रचार में एससीएस का इस्तेमाल किया, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह अपने वादे से पीछे हट गई।
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन ने आरोप लगाया कि तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और वाईएसआरसीपी दोनों ने इन 10 वर्षों में एससीएस के लिए ईमानदारी से लड़ाई नहीं लड़ी। उन्होंने आरोप लगाया कि टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जगन दोनों पीएम मोदी के ‘गुलाम’ बन गए हैं। उन्होंने पूछा कि लोगों को उन पर भरोसा क्यों करना चाहिए?
केवल कांग्रेस ही विशेष राज्य के दर्जे की बात कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, शर्मिला रेड्डी के राज्य प्रमुख बनने के बाद तिरुपति की सार्वजनिक बैठक कांग्रेस की दूसरी बड़ी बैठक होगी।
कांग्रेस ने 25 फरवरी को अनंतपुर में पहली सार्वजनिक बैठक में कर्नाटक और तेलंगाना में दी गई समान गारंटी की तर्ज पर आंध्र प्रदेश के लिए पहली गारंटी की घोषणा की थी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जनसभा को संबोधित करते हुए ऐलान किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो हर गरीब परिवार को 5 हजार रुपये प्रति माह आय सहायता दी जाएगी।