नोएडा। बुधवार को नोबल को ऑपरेटिव बैंक द्वारा लगायी गयी कंटेम्पट पिटिशन की सुनवाई माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद (प्रयागराज) द्वारा हुई जिसमे जिला गौतम बुद्ध नगर की एडीएम श्रीमती वन्दिता श्रीवास्तव, पूर्व जिला अधिकारी सुहास एल. वाई. एवं प्रदेश के विशेष सचिव राकेश कुमार मालपानी, प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉक्टर प्रशांत त्रिवेदी एवं प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के द्वारा उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के पारित आदेशों की अवमानना में दोषी पाए जाने की कार्यवाही चलाये जाने हेतु नोटिस जारी किया गया।
कंटेम्पट पिटिशन के अनुसार पूर्व जिला अधिकारी एवं तत्कालीन ए.डी .एम. (अतिरिक्त जिला अधिकारी-वित्त) श्रीमती वन्दिता श्रीवास्तव द्वारा सर्फेसी एक्ट के अंतर्गत मनमाने ढंग से एवं शिथिल रूप से कार्यवाही होने के अतिरिक्त उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं सर्वोच्च न्यायालय के पारित आदेशों की जान बूझकर अवेहलना की जा रही है जिससे जनता के धन के रिकवरी के तुरत प्रयासों में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
पिटिशन के अनुसार उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेशों में पारित मापदंडों एवं प्रक्रिया के विपरीत कार्य किया जा रहा है एवं राज्य द्वारा पारित गैज़ेट आर्डर 14.02.2022 की भी अवेहलना एवं अवमानना है। उच्च न्यायालय के समक्ष प्रदेश एवं जिले में सरफेसी एक्ट एवं जनता के धन की बैंको द्वारा रिकवरी की प्रक्रियाओं में बाधाओं एवं अन्य कई अनियमितताएं बतायीं गयीं। जिनके संज्ञान लेने के पश्चात उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा कंटेम्पट पिटिशन का संज्ञान लिया गया और नोटिस जारी कर अगली तिथि 30.05.2023 को अधिकारियों द्वारा जवाब तलब हेतु तय की गयी है।
गौरतलब है कि हाल ही में उच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश के 2 प्रमुख सचिवों द्वारा किये गए कंटेम्पट (कोर्ट की अवमानना) के चलते गिरफ़्तारी के आदेश पारित गए जिसके पश्चात अधिकारियों को उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसके पूर्व नोएडा अथॉरिटी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती रितु माहेश्वरी को भी कोर्ट की अवमानना में दोषी पाया गया था तथा पूर्व में उच्च न्यायालय ने उनके भी अरेस्ट वारंट जारी किये थे।