लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा समाजवादी पार्टी पर की गई टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इसी कड़ी में मंगलवार को समाजवादी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण कन्हैया पाल ने उन्हें मानहानि का लीगल नोटिस भेजा। अधिवक्ता कृष्ण कन्हैया पाल ने कहा कि ब्रजेश पाठक द्वारा हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में समाजवादी पार्टी को गुंडों की पार्टी बताया गया।
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इसके साथ ही उन्होंने उनके डीएनए में खराबी होने की बात कही। पाठक के इस बयान को उन्होंने न केवल समाजवादी पार्टी बल्कि उससे जुड़े सभी वर्गों का अपमान बताया है। अधिवक्ता ने कहा, “मैं समाजवादी पार्टी का सक्रिय सदस्य हूं और पार्टी के लीगल विंग ‘समाजवादी अधिवक्ता सभा’ का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हूं। ऐसे में मेरा नैतिक कर्तव्य बनता है कि मैं पार्टी की छवि की रक्षा करूं। समाजवादी पार्टी में कोई गुंडे नहीं हैं।
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मैं खुद ओबीसी समुदाय के शेफर्ड कास्ट से हूं, गड़ेरिया बिरादरी से आता हूं और आज तक मेरे ऊपर एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।” पाल ने कहा कि ब्रजेश पाठक का बयान न केवल राजनीतिक रूप से गलत है, बल्कि सामाजिक रूप से भी आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और उत्पीड़ित वर्गों की आवाज उठा रहे हैं।
ऐसे में इस तरह के बयान उन सभी वर्गों की भी अवमानना हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के संरक्षण में लगातार इन वर्गों के खिलाफ भाषा और व्यवहार के माध्यम से हमले हो रहे हैं और डीएनए संबंधी टिप्पणी भी उसी सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अगर ब्रजेश पाठक द्वारा इस बयान को वापस नहीं लिया गया और सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी गई, तो वह न्यायिक कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ेंगे।