गलत आहार-विहार के कारण उच्च रक्तचाप सामान्य से ज्यादा व्याप्त रोग हो गया है। इस रोग में रक्तचाप सामान्य से ज्यादा हो जाता है।
अपने आहार विहार को स्वास्थ्य नियमों के अनुसार रखकर तथा कुछ सावधानियों का पालन करके काफी हद तक रक्तचाप सामान्य बनाए रखा जा सकता है तथा रक्तचाप की जटिलताओं से बचा जा सकता है। अत्यधिक वसायुक्त भोजन जैसे क्र ीमयुक्त दूध, रबड़ी, मलाई, आईसक्रीम, तले खाद्य पदार्थ, पिज्जा, अंडे का पीला भाग, मांस आदि ब्लड प्रेशर को प्रभावित करते हैं, इसलिए इनके सेवन से बचना चाहिए।
मैदे से बने खाद्य पदार्थ जैसे डबल रोटी व बिस्कुट आदि भी रक्तचाप बढ़ाते हैं इसलिए इनके बदले गेहूं व चने के आटे की रोटियां खानी चाहिए। चोकरयुक्त आटा खाने से कोलेस्ट्राल कम होता है। तेलों में सरसों, सोयाबीन या सूर्यमुखी के तेल का सेवन करना लाभदायक है। मक्खन व देशी घी कम से कम मात्र में सेवन किया जा सकता है।
नमक का प्रतिदिन 4 ग्राम से ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। अचार, चटनी व संरक्षित खाद्य पदार्थो में ज्यादा नमक होते हैं इसलिए उनके सेवन से बचना हितकर है। पत्तेदार हरी सब्जियां व छिलकेदार फलों का भरपूर मात्र में सेवन करना चाहिए। शुद्ध चीनी के सेवन से कोलेस्ट्राल बढ़ता है इसलिए इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
शराब के आदी लोगों को 4०-6० एमएल शराब ही लेनी चाहिए। धूम्रपान से बचना चाहिए। सिगरेट के धुंए में कार्बन मोनोक्साइड, निकोटीन और टार आदि विषैले तत्व होते हैं जो धीरे-धीरे रक्तवाहिनी नलियों को कठोर बनाते हैं तथा हृदय को उत्तेजित करते हैं जिससे इसकीे आंतरिक दीवारों पर थक्के बनने की संभावना बढ़ती है। इसीलिए धूम्रपान करने वालों में दिल का दौरा पडऩे की संभावना बढ़ जाती है।
ब्लड प्रेशर के शिकार लोगों के लिए मोटापा खतरनाक होता है, इसलिए ब्लड प्रेशर के शिकार लोगों को शर्करा, वसा व प्रोटीन ज्यादा मात्र में नहीं लेने चाहिए। शरीर का वजन कम करने से ब्लड प्रेशर कम होता है। व्यायाम द्वारा भी मोटापे को नियंत्रित रखा जा सकता है।
ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए टहलना अति उत्तम व्यायाम है। उन्हें दौडऩे या वजन उठाने जैसे व्यायामों से बचना चाहिए। योग, ध्यान, प्राणायाम व शवासन इत्यादि से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। तनावमुक्त रहकर भी ब्लड प्रेशर से बचा जा सकता है। वैसे तो आज के युग में तनावमुक्त रहना कठिन है लेकिन असभंव नहीं।
स्टेऊस लेवल को कम करने की आदत डालें। यदि आप टेऊन या बस पकडऩे के लिए जल्दबाजी करते हैं तो इससे बचें। अपने सारे काम 1० मिनट पहले ही निपटा लेने की आदत लगाएं ताकि टेऊन या बस पकडऩे के लिए जल्दबाजी न करनी पड़े।
हमेशा काम में व्यस्त नहीं रहना चाहिए। जीवन में मनोरंजन व हंसी मजाक के लिए भी समय देना चाहिए। इससे तनाव दूर होता है। कोई शौक भी अपनाना चाहिए। फूल पौधों की देखभाल करना, गुलदस्ते सजाना, साज बजाना, ग्रुप एक्सरसाइज आदि अच्छे शौक हैं।
रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए समय-समय पर डाक्टर से परामर्श लेते रहना चाहिए। दवाइयां लेने का समय अपनी किसी महत्त्वपूर्ण क्रि या जैसे नाश्ता आदि से जोड़ लेना चाहिए ताकि आप दवाइयां लेना न भूल सकें। उपरोक्त जीवन शैली को अपनाकर ब्लड प्रेशर का रोगी भी आनंदमय जीवन जी सकता है।
– राजा तालुकदार