मेरठ। अनंत चतुर्दशी के विशेष पूजन के समय सदर दुर्गाबाड़ी स्थित जैन मंदिर में विवाद हो गया। रथयात्रा की बोलियां प्रारंभ होने पर सराफ प्रेमचंद जैन ने वर्तमान में व्यवस्था देख रहे मृदुल जैन पर मंदिर के चंदे में लाखों रुपये की गड़बड़ी का आरोप लगाया है। कवि सौरभ सुमन ने संबंधित अधिकारियों से पूरा हिसाब मांगा। नियम विरुद्ध बात देख सौरभ ने आत्मदाह की चेतावनी दी है।
सीए संजय जैन ने मंदिर और ऋषभ एकेडमी के विवाद में चार साल पहले सुनील जैन और मृदुल जैन पर मुकदमा दर्ज कराया था। काफी समय से मंदिर समिति भी भंग चल रही है। कवि सौरभ जैन ने बताया कि पैसों के रखरखाव की जिम्मेदारी मृदुल जैन के पास है। अक्षत जैन का आरोप है कि मंदिर का एक किलो सोना मृदुल जैन के पास है। मंदिर की संपत्ति और धन किसी को निजी रूप से अपने पास रखने का अधिकार नहीं है। सचिन जैन ने कहा कि पंचकल्याणक के पैसों का भी कोई दस्तावेज नहीं है। विवाद बढ़ने पर मृदुल जैन ने कहा कि जब तक ऋषभ एकेडमी का हिसाब समाज के सामने नहीं आएगा, तब तक कोई भी हिसाब मांगने का अधिकारी नहीं है।
विवाद को बढ़ता देख कवि सौरभ जैन सुमन ने दोनों पक्षों को शांत करते हुए कहा कि मामला अभी न्यायालय में है। ग्यारह सदस्यों की एक वैकल्पिक समिति गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए समाज के प्रतिष्ठित पांच व्यक्तियों का चयन किया जाए जो पंच बनकर एक समिति गठित करेंगे जो आगे के समस्त कार्य देखेगी।
सौरभ सुमन ने कहा कि मृदुल जैन तब तक पिछले चार वर्षों का पूर्ण हिसाब किताब लिखकर मंदिर में टांग दें। पंच विनोद जैन, पवन जैन, जिनेंद्र कुमार जैन, अनिल जैन और प्रेमचंद्र जैन को बनाया गया था। पंच की वैकल्पिक समिति के गठन के बाद भी समाधान नहीं हुआ है।