नडियाद। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि जिला सहकारी बैंकों को प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को मजबूत करने की दिशा में भी सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने 20 अलग-अलग पहल कर पैक्स को मजबूत करने का काम शुरू किया है और जिला सहकारी बैंकों को भी इस काम में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पैक्स जितने मजबूत होंगे, उतने ही सहकारी बैंक मजबूत होंगे।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के खेड़ा जिला मध्यस्थ सहकारी बैंक लिमिटेड, नडियाद की 76वीं वार्षिक बैठक (एजीएम) को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 18 करोड़ 70 लाख रुपये की लागत से बने बैंक के नए भवन (सरदार पटेल सहकार भवन) का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) के अध्यक्ष और गुजरात के सहकारिता मंत्री सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस मौके पर शाह ने कहा कि खेड़ा जिले से ही देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के मार्गदर्शन में अमूल की शुरुआत हुई थी। अमूल ने पूरे देश और विश्व के सामने “सहकारिता से समृद्धि” प्राप्त करने का उदाहरण पेश किया है। शाह ने कहा कि कुछ समय पहले तक खेड़ा जिला सहकारी बैंक बंद होने की चर्चा हो रही थी, लेकिन आज इस बैंक ने 36,000 स्क्वेयर फीट का अपना भवन निर्माण किया है और सारे ई-बैंकिंग नियमों की कल्पनाओं को साकार किया है।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने “सहकार से समृद्धि और समृद्धि से सम्पूर्णता” का सूत्र दिया है। उन्होंने कहा कि इसी के तहत प्रधानमंत्री ने आज़ादी के 75 साल बाद पहली बार केन्द्र सरकार में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की। शाह ने कहा कि यह शुरुआत आने वाले दिनों में सहकारिता क्षेत्र को कम से कम 100 साल की आयु देने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि आज सरदार पटेल सहकार भवन का ई-लोकार्पण हुआ है। यह करीब 18 करोड़ 70 लाख के खर्च से बनी चार मंजिला, आधुनिक, सेन्ट्रली एयर कंडीशंड इमारत है। उन्होंने कहा कि यह इमारत खेड़ा जिले के किसानों और निवासियों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी। शाह ने कहा कि खेड़ा जिला मध्यस्थ सहकारी बैंक लिमिटेड ने अपनी 76वीं एनुअल जनरल मीटिंग में गुजरात की सहकारी बैंकिंग व्यवस्था में पहली बार लोन मैनेजमेंट, डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम और टेबलेट बैंकिंग की शुरुआत की है, जो एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि वर्ष 1950 में उद्घाटन के बाद से खेड़ा जिला सहकारी बैंक ने क्षेत्र के किसानों की खूब सेवा की और अपने भविष्य के बारे में जताई गई तमाम आशंकाओं को गलत साबित किया। आज यह संस्था करीब 31 करोड़ रुपये के नेट प्रॉफिट में है और वर्ष 2012 में लाइसेंस प्राप्त करने के बाद अब इसके पास 258 करोड़ रुपये का रिज़र्व फंड और 2500 करोड़ रुपये की डिपोज़िट की है।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने “को-ऑपरेशन अमोग्स्ट को-ऑपरेटिव्स” नाम की नई पहल के तहत बनासकांठा और पंचमहाल जिले को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया है। शाह ने सहकारी संस्थाओं से जुड़े लोगों से अपने बैंक खाते जिला सहकारी बैंक में खोलने की अपील की, ताकि सहकारिता क्षेत्र में सुदृढ़ आर्थिक ढाँचे का निर्माण किया जा सके। शाह ने कहा कि सिर्फ कॉ-ओपरेटिव संस्थाओं के पैसे से ही समग्र कॉ-ऑपरेटिव मूवमेंट मजबूती से चल सकती है।