नई दिल्ली। देश के आर्थिक हालात और सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर गुरुवार को दिल्ली में भाजपा और आरएसएस नेताओं की समन्वय बैठक हुई, जिसमें आर्थिक क्षेत्र में कार्य कर रहे संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के नेताओं ने अपनी-अपनी चिंताओं से केंद्र सरकार में शामिल भाजपा नेताओं को अवगत कराया।
बैठक में अर्थव्यवस्था से जुड़ी वैश्विक परिस्थितियों के साथ- साथ रूस-यूक्रेन एवं इजरायल-हमास के बीच जारी लड़ाई के भारत पर पड़ने वाले आर्थिक प्रभाव को लेकर भी चर्चा की गई।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा की तरफ से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा महेंद्र नाथ पांडेय, भूपेंद्र यादव और पीयूष गोयल बैठक में शामिल हुए। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से भाजपा के साथ समन्वय का दायित्व संभाल रहे संघ के वरिष्ठ नेता अरुण कुमार और कृष्णगोपाल बैठक में शामिल हुए।
आर्थिक मामलों से जुड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभिन्न संगठनों- भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच, लघु उद्योग भारती, सहकार भारती और ग्राहक पंचायत संगठन का कामकाज देख रहे संघ के वरिष्ठ नेता भी बैठक में शामिल हुए।
सूत्रों के मुताबिक, आरएसएस-भाजपा नेताओं की इस समन्वय बैठक में संघ से जुड़े संगठनों ने ई-कॉमर्स व्यापार और श्रम कानून में हुए बदलाव के कारण पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों सहित सरकार की अन्य कई नीतियों की वजह से पैदा होने वाली समस्याओं से भाजपा नेताओं को अवगत कराया।
बैठक में सरकार की आर्थिक नीतियों और योजनाओं का लाभ समाज के निचले तबके तक पहुंचाने के तौर तरीकों पर भी चर्चा हुई।