गाजियाबाद। नगर निगम की बोर्ड बैठक में कार्यकारिणी के छह सदस्यों का चुनाव हंगामे के बाद स्थगित हो गया। सुबह 11:30 बजे से नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई। छह पदों पर 10 पार्षदों ने नामांकन पत्र भरा। इनमें तीन पार्षद भाजपा के रहे। निर्दलीय पार्षद योगेंद्र सिंह ने अपना नाम वापस ले लिया लेकिन, भाजपा के तीन पार्षदों ने जब नाम वापस नहीं लिया तो महापौर ने चेतावनी दी कि पार्टी के जिन पार्षदों ने नामांकन किया है और नाम वापस नहीं ले रहे हैं, उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा। इस पर हंगामा शुरू हो गया। पार्षद संजय सिंह और नीलम भारद्वाज ने इस बात का विरोध किया।
पार्षद संजय सिंह ने कहा कि कोटा सिस्टम नहीं चलेगा।
लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। इस पर उनकी महापौर से नोकझाेंक शुरू हो गई। वह डैस तक आ गए और फिर नाम वापस ले लिया। पार्षद नीलम भारद्वाज ने कहा कि महापौर ने उनका अपमान किया है। वह नाम वापस नहीं लेंगी। करीब आधे घंटे तक हंगामा होता रहा। इसी बीच भाजपा महानगर संगठन के पदाधिकारी मौके पर बुलाए गए। महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने नीलम भारद्वाज को समझाया और नाम वापस लेने के लिए कहा। इसके बाद नीलम भारद्वाज ने नाम वापस ले लिया और सदन से बाहर चली गईं।
कार्यकारिणी के पूर्व अध्यक्ष पार्षद राजीव शर्मा भी मौके से बाहर चले गए। उन्होंने भी नाम वापस नहीं लिया। महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा और राजीव शर्मा के बीच करीब एक घंटे तक बात चली। राजीव शर्मा नाम वापस नहीं लेने की बात पर अड़े रहे। पहले निर्विरोध सदस्यों को चुने जाने की योजना थी लेकिन, विरोध के बाद दोपहर तीन बजे मतदान कराए जाने का निर्णय लिया गया। देर होने से कई पार्षदों के चले जाने के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया।