नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राहुल गांधी को नया पासपोर्ट जारी करने की अनुमति दे दी है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने राहुल गांधी को तीन साल के लिए पासपोर्ट जारी करने का आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि 10 साल के लिए पासपोर्ट जारी करने का कोई वैध या प्रभावी कारण नहीं है। स्वामी ने कहा कि राहुल को पासपोर्ट जारी किए जाने का कोई ठोस आधार नहीं है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पहले से चल रहे मुकदमों के आधार पर उन्हें पासपोर्ट के लिए अनापत्ति एक साल से ज्यादा समय के लिए नहीं दिया जाना चाहिए।
स्वामी ने विदेश मंत्रालय की नियमावली का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ कोई मुकदमा चल रहा है तो एक नियत समय के लिए ही पासपोर्ट दिया जा सकता है। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि राहुल गांधी ने गृह मंत्रालय द्वारा उनकी नागरिकता को लेकर दिए गए नोटिस पर भी अभी तक उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है।
स्वामी ने बताया है कि नागरिकता के मामले पर उन्होंने गृह मंत्रालय में राहुल गांधी को लेकर कुछ तथ्य पेश किए थे। उसके मुताबिक राहुल गांधी ब्रिटेन में बैक ओप्स नाम की कंपनी 2003 में बना रखी है, जिसमें राहुल ने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया है। ऐसे मे उनको अगर पासपोर्ट के लिए अनापत्ति दी जाती है तो सीमित अवधि के लिए दी जाए।
राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट को बताया कि राहुल गांधी ने जमानत पर होने के बावजूद 10 साल के लिए वैध पासपोर्ट मांगा है, जो कि अधिकतम है। राहुल गांधी के वकील ने कहा 2जी, कोयला घोटाले और दूसरे मामलों में भी आरोपितों को 10 साल के लिए पासपोर्ट दिया गया था। 10 साल के लिए पासपोर्ट देना रूटीन प्रक्रिया में आता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की जमानत पर विदेश यात्रा को लेकर कोई शर्त नहीं लगाई गई थी। राहुल गांधी हमेशा कोर्ट के सामने पेश हुए , जांच में शामिल हुए और आगे भी जांच में सहयोग करेंगे।
कोर्ट ने स्वामी से पूछा कि 2जी और कोयला घोटाले में 10 साल के लिए पासपोर्ट दिया गया, आपका उस पर क्या कहना है। सुब्रमण्यम स्वामी ने जवाब देते हुए कहा कि अगर पहले कुछ गलत हुआ है तो उसको दोहराया नहीं जाना चाहिए।
24 मई को कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल गांधी की याचिका का विरोध किया था। कोर्ट ने कहा था कि मामला 2018 से लंबित है और राहुल गांधी के वकील हमेशा कोर्ट में उपस्थित होते हैं। ये पासपोर्ट से जुड़ा मामला है। राइट टू ट्रैवल मौलिक अधिकार है।
राहुल गांधी ने ये अर्जी नेशनल हेराल्ड मामले में दाखिल की है। राहुल गांधी ने संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित होने के बाद अपना डिप्लोमेटिक पासपोर्ट सरेंडर कर दिया था। अब वे नया पासपोर्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं।