Saturday, May 11, 2024

यूपी में सपा-रालोद-आसपा गठबंधन में आई दरार, मुज़फ्फरनगर में रालोद ने सपा के सामने उतार दिए 25 उम्मीदवार

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

मुज़फ्फरनगर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद मंडल में रालोद, सपा और आसपा का गठबंधन टूट चुका है, ऐसी ही स्थिति बागपत, शामली और सहारनपुर में भी सामने आ रही है, जहां रालोद की सीट पर सपा ने अपने नामांकन दाखिल करा दिए है तो कुछ सीट ऐसी है जो सपा के कब्जे में है, वहां रालोद ने अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। मुज़फ्फरनगर में भी गठबंधन में दरार आ गयी है।

यहाँ समाजवादी पार्टी, रालोद और आजाद समाज पार्टी ने मिलकर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राकेश शर्मा की पत्नी लवली शर्मा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।  लवली शर्मा ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है लेकिन नामांकन के अंतिम दिन सभासदों के सिंबल को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि गठबंधन टूटने के कगार पर पहुंच गया है।

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राष्ट्रीय लोकदल के जिला अध्यक्ष संदीप मलिक ने कहा कि समाजवादी पार्टी द्वारा गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते गठबंधन खटाई में पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी द्वारा बिना सहयोगी दलों से सर्वानुमति बनाएं अपने प्रत्याशी घोषित किए जा रहे हैं, इसको लेकर रालोद और आजाद समाज पार्टी में रोष बना हुआ है। श्री मलिक ने बताया कि मुजफ्फरनगर नगर पालिका का वार्ड संख्या 3 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है, जहां से आजाद समाज पार्टी अपने पदाधिकारी को चुनाव लड़ाना चाहती थी लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा इस वार्ड से अपना प्रत्याशी उतार दिया गया है।

राष्ट्रीय लोक दल भी वार्ड 22 से अपने सैनिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष के.पी.सिंह को  चुनाव लड़ाना चाहता था, समाजवादी पार्टी ने यहाँ भी अपना उम्मीदवार दिया है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि जिसके बाद आज रालोद ने मुजफ्फरनगर नगर पालिका के लिए अपने 25 प्रत्याशियों को पार्टी सिम्बल जारी कर दिए हैं। आपको बता दे कि इन वार्डों में समाजवादी पार्टी पहले ही अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है जिसके बाद गठबंधन के कार्यकर्ताओं  में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

संदीप मलिक ने बताया कि पार्टी आलाकमान को सारी परिस्थिति से अवगत करा दिया गया है और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी जो निर्देश देंगे उसके अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि गठबंधन रहेगा, तो जो  सर्वानुमति बनेगी उन सीटों पर गठबंधन दल के साथ ही चुनाव लड़ेंगे और नामांकन वापसी के दिन तक बाकी अपने नामांकन वापस ले लेंगे लेकिन यदि सर्वानुमति नहीं बनी तो रालोद मजबूती से निकाय चुनाव लड़ेगा।

समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष जिया चौधरी ने बताया कि कल उनकी गठबंधन दलों के दोनों अध्यक्षों संदीप मलिक व जगदीश पाल के साथ बैठक हुई थी, जिसमें सर्वसम्मति बनाने का प्रयास किया गया था। उन्होंने बताया कि रालोद जिलाध्यक्ष की इच्छा पर छह टिकट रालोद कार्यकर्ताओं के फाइनल कर दिए गए थे, उन्हें सिंबल भी दे दिए गए थे।  2 वार्ड खाली छोड़ दिए गए थे क्योंकि उस पर रालोद और सपा दोनों के प्रबल दावेदार थे।

श्री चौधरी ने बताया कि आजाद समाज पार्टी द्वारा 7 वार्डों में सिम्बल की मांग की गई थी जिनमें 5 वार्ड में उनके कार्यकर्ताओं को सपा के सिंबल दे दिए गए थे। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी गठबंधन धर्म को निभाना चाहती है और इसके लिए लगातार प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि कुछ गलतफहमी पैदा हुई है जिसे  दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

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