नई दिल्ली। इस साल दिवाली पर भारतीय बाजारों में चीनी सामान के प्रति उपभोक्ताओं का रुझान कम रहने की उम्मीद है, क्योंकि चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम शुरू की है। सीटीआई द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान में विभिन्न बाजारों में लोगों को चाइनीस उत्पाद न खरीदने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। दिवाली के अवसर पर जब बाजारों में खरीदारी की रौनक है, तब भी इस बहिष्कार की वजह से चीनी उत्पादों की बिक्री में कमी देखने को मिल सकती है। इस कदम के पीछे मुख्य उद्देश्य भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देना और चीन के साथ आर्थिक संतुलन को बनाए रखना है।
दिल्ली के कनॉट प्लेस में सोमवार को चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार को लेकर जागरूकता अभियान चलाया, जिसमें अध्यक्ष बृजेश गोयल ने बताया कि इस दिवाली पर चीन को 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। इसका कारण यह है कि लोग अब चीनी उत्पादों के बजाय स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस बार “मेड इन इंडिया” उत्पादों का बाजार में खासा बोलबाला है, और लोग भारतीय सामान की खरीदारी पर जोर दे रहे हैं।
भारत में अब सस्ते दामों पर लाइट्स, दीया, फूल, और अन्य डेकोरेशन के सामान बड़ी मात्रा में तैयार किए जा रहे हैं, जो दिवाली की रौनक को बढ़ा रहे हैं। उपभोक्ता भी दुकानों पर जाकर विशेष रूप से मेड इन इंडिया उत्पादों की मांग कर रहे हैं। इस स्थिति से छोटे व्यापारी और ऑनलाइन व्यवसाय करने वाली महिलाएं भी लाभ उठा रही हैं, क्योंकि त्योहारों के सीजन में उनके उत्पादों की जमकर बिक्री हो रही है।
व्यापारिक संगठनों द्वारा लंबे समय से यह अभियान चलाया जा रहा है कि स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए, और अब यह जागरूकता धीरे-धीरे आम लोगों में भी फैल रही है।