खीरे का सेवन भारत में उत्तर से दक्षिण तक किया जाता है। खीरा देश के हर भाग में उपलब्ध है। पहाड़ों पर इसका आकार बहुत बड़ा होता है, मध्य भारत में मध्यम आकार का, दक्षिण में छोटे आकार का खीरा पाया जाता है। अधिकतर लोग इसे सलाद की जान मानते हैं पर सलाद के अतिरिक्त इसके अन्य कई प्रयोग हैं। इसे फल, सब्जी और दही में रायते के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। खीरा स्वास्थ्यवर्धक, रक्षक और सौन्दर्यवर्धक भी माना जाता है।
खीरा गर्मियों में तरावट देता है। आयुर्वेद में खीरे को स्वास्थ्य के लिए वरदान माना गया है। खीरा तासीर में ठंडा, स्वाद में मीठा, पौष्टिक और मूत्र दोषों को कम करने वाला होता है। इसकी बेल जमीन पर शीघ्रता से बढ़ती है। खीरे में कई स्वास्थ्य रक्षक प्राकृतिक लवण छिपे होते हैं। गर्मियों में पसीने से निकलने वाले सोडियम और पोटेशियम की भरपाई खीरा करता है। खीरा त्वचा की खुश्की को भी दूर करता है और गर्मियों में लू से भी बचाता है।
पित्त को शांत करने के लिए खीरा बहुत उत्तम माना जाता है। गर्मी में बार-बार प्यास लगना, नकसीर का फूटना, पित्त में एसिड का बनना और गर्मी में सिरदर्द में खीरा उपयोगी माना जाता है। खीरे के बीजों को भी अलग से प्रयोग किया जा सकता है। इसके बीज गुर्दे की पथरी को गलाने में सहायक होते हैं और रूकावट से आने वाले मूत्रा को खुलकर लाने में भी फायदेमंद हैं। खीरे के बीज यौन शक्ति के लिए पौष्टिक माने जाते हैं। इसके बीजों का प्रयोग हलुवे आदि में भी किया जाता है।
सौन्दर्य विशेषज्ञों के अनुसार खीरा कई सौन्दर्य संबंधी समस्याओं को हल करने में सहायक होता है। यदि चेहरे पर खुश्की है तो खीरे का रस चेहरे पर लगाकर दस मिनट छोड़ दें। ताजे पानी से मुंह को साफ करें। लगातार कई दिनों के प्रयोग से चेहरे की खुश्की दूर हो जाएगी।
बालों के झडऩे पर खीरे के रस में नींबू का रस मिलाकर बालों की जड़ों में उस मिश्रित रस से मालिश करें और बीस-पच्चीस मिनट के गैप में बालों को धो लें। इससे बालों का झडऩा रूकेगा और बालों की प्राकृतिक चमक में वृद्धि भी होगी।
खीरा आंखों के चारों ओर काले घेरों को कम करने में कारगर सिद्ध होता है। खीरे और आलू के रस को मिला कर रूई से उन घेरों पर लगाएं और कुछ समय पश्चात उन्हें साफ कर लें।
इस प्रकार चेहरे पर दाग और झुर्रियों को भी कम करता है खीरे का रस। खीरे के रस में नींबू का रस और पिसी हल्दी का पेस्ट बनाकर चेहरे पर मलें। कुछ समय बाद उस उबटन को मलकर धो लें। लगातार प्रयोग से चेहरे के दाग और असमय आई झुर्रियों को दूर कर सकते हैं। खीरे के रस का नियमित सेवन करने से त्वचा में निखार आता है। बदहजमी होने पर खीरे के एक कप रस में एक चम्मच पुदीने का रस और काला नमक मिलाकर पियें। खीरे के रस में भुने हुए जीरे का चूर्ण मिला कर पीने से अम्लपित्त में लाभ होता है।
– नीतू गुप्ता