मुजफ्फरनगर। जनपद के वरिष्ठ व्यापारी नेता प्रमोद मित्तल की पत्नी रेखा मित्तल से साइबर ठगों ने ठगी करते हुए एचडीएफसी बैंक खाते से 46 हजार रुपए से अधिक की रकम उडा दी है। प्रमोद मित्तल ने इस मामले में नई मंडी कोतवाली में तहरीर देकर कारवाई की मांग की है। इस संबंध में व्यापारी नेता प्रमोद मित्तल ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी पत्नी रेखा मित्तल का एचडीएफसी बैंक में एक एकाउंट है, जिसका क्रेडिट कार्ड भी बना हुआ है और 70 हजार रुपए लिमिट है।
मुजफ्फरनगर: ऋषभ पंत की जान बचाने वाले रजत ने प्रेमिका संग किया आत्महत्या का प्रयास, वीडियो वायरल
प्रमोद मित्तल ने बताया कि उनकी पत्नी के पास एक फोन आया, जिसमें उनका नाम, पति का नाम, खाता संख्या, आधार कार्ड नंबर, पेन कार्ड, क्रेडिट कार्ड नंबर की जानकारी ली गई और बताया गया कि आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाकर 1 लाख 85 हजार रुपए की जा रही है, जिसमें एक ओटीपी नंबर आयेगा, वह बता दीजिए। प्रमोद मित्तल ने बताया कि सभी जानकारी सही होने पर उनकी पत्नी को विश्वास हो गया कि यह फोन बैंक से ही आया है और इसी कारण ओटीपी नंबर बता दिया। यह सब होने के थोड़ी देर बाद फिर से इसी तरह से फोन आया, तो कुछ शक हो गया और फिर उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। कुछ मिनट बाद ही बैंक से फोन आया कि आपके खाते से सारी रकम निकाल ली गई है और पचास हजार रुपए फिर से क्रेडिट किए जा रहे हैं, जिस पर बैंक वालों को मना कर दिया गया।
इस्लामिया इंटर कॉलेज द्वारा रास्ते पर संयुक्त हिंदू मोर्चा ने किया हथौड़ों व घनों का पूजन
प्रमोद मित्तल ने बताया कि ठगी होने की जानकारी मिलते ही वह बैंक में पहुंचे, तो बैंक वालों ने इस बात से इंकार कर दिया कि बैंक से किसी ने फोन किया। प्रमोद मित्तल ने बैंक वालों से पूछा कि उन्हें इस बात की जानकारी दी जाए कि उक्त रकम किस खाते में गई है, तो बैंक वालों ने बताया कि यह रकम कंज्यूमर द्वारा ही निकाली जाती है और किसी का भी नाम नहीं आता है। काफी देर तक जद्दोजहद करने के बावजूद बैंक वालों ने कोई भी जानकारी नहीं दी और न ही अपनी ग़लती मानी। इसके बाद नई मंडी थाने में पहुंच कर तहरीर दी गई।
प्रमोद मित्तल ने सभी जनपदवासियों से अपील की है कि इस तरह के साइबर ठगों से बचें, मेरे साथ जो हुआ है, वह किसी दूसरे के साथ ना हो, इस तरह की जागरूकता फैलाना ही उनका मकसद है। बैंक से क्रेडिट कार्ड लिमिट या बैंक खाते की लिमिट बढ़ाने के लिए कभी फोन नहीं आता और न ही ओटीपी नंबर पूछा जाता है, इसलिए सभी पूरी सावधानी बरतें और इस तरह के नुकसान से बचें।