शिमला। बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बौद्ध समुदाय में काफी रोष है। इसको लेकर दलाईलामा की ओर से एक आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है, जिसमें दलाई लामा ने बच्चे और उसके परिवार वालों से माफी मांगी है। दलाईलामा ने अपने शब्दों के लिए क्षमा याचना की है, लेकिन अब बौद्ध समुदाय के लोगों में इसको लेकर काफी रोष है।
बौद्ध समुदाय के लोगों का कहना है कि इस वीडियो को साजिश के तहत गलत तरीके से पेश किया जा रहा है और दलाईलामा को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, जिसमें चीन व अन्य ताकतें शामिल हैं। बौद्ध समुदाय ने इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का दावा किया है।
इस बीच बौद्ध समुदाय के लोगों ने धर्मगुरु दलाई लामा के समर्थन में शनिवार को शिमला शहर में शांतिपूर्ण तरीके से विरोधस्वरूप रैली निकाली। लाहौल-स्पीति बुद्ध सेवा संघ, किन्नौर लाहौल-स्पीति स्टूडेंट वेलफेयर संघ, भारत तिब्बत समन्वय संघ, शिमला तिब्बतियन पीपल और किन्नौर छात्र संघ के कार्यकर्ताओं ने इस रैली में भाग लिया।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दलाईलामा और एक लड़के से जुड़े हालिया वीडियो को लेकर किए गए आक्षेपों से तिब्बती समुदाय के लोग आहत हैं। उन्होंने कहा कि दलाई लामा एक लड़के से जुड़े हालिया वीडियो को गलत तरीके से सोशल मिडिया में प्रसारित किया गया है, जिससे आध्यात्मिक नेता की छवि को खराब कर सके और इस पूरे मामले में चीन द्वारा साजिश की जा रही है, जिसको किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि हाल ही में धर्मगुरू दलाईलामा का एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें उन्हें एक बच्चे को होठों पर किस करते देखा गया था। इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। इसके बाद दलाई लामा की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर मामले पर सफाई जारी की गई है।
दलाईलामा ने इस पूरे मामले में 10 अप्रैल को माफी भी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि अगर उनकी शब्दों से भावनाएं आहत हुई हैं तो वह एक बच्चा उसके परिवार और दोस्तों से माफी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि जो क्लिप प्रसारित की जा रही है उसके संदर्भ को समझाने के लिए पूरी वीडियो को देखा जाना चाहिए।
लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने शनिवार को शिमला में कहा कि दलाई लामा को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। टीआरपी के लिए सोशल मीडिया में विडियो को गलत तरीके से पेश कर इसे वायरल किया गया है। इससे बौद्ध समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।
उन्होंने कहा कि दलाई लामा के कार्यालय धर्मशाला से अनुमति के बाद वह इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में मानहानि की याचिका दायर करेंगे। उनका कहना है कि भारत की सीमा चीन से नहीं बल्कि तिब्बत से लगती है, लिहाजा चीन की ओर से इस तरह की साजिश रची जा रही है।